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छत्तीसगढ़ के विकास में अपने योगदान को बताती जेएसपीएल द्वारा प्रस्तुत झलकियाँ

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सिर्फ स्टील और ऊर्जा उत्पादन ही नहीं बल्कि लोक उत्थान हेतु किए प्रयासों की भी झलक
श्री नवीन जिन्दल के नेतृत्व में “आत्मनिर्भर भारत” की गाथा लिख रही है कंपनी
रायपुर, 29 अक्टूबर 2021 . छत्तीसगढ़ राज्य गठन की 21वीं वर्षगांठ पर यहां साइंस कॉलेज ग्राउंड में आयोजित ‘राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव’ और ‘राज्योत्सव-2021’ के अवसर पर श्री नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) की झांकियां प्रदेश के विकास में अपने योगदान की कहानी सुना रही है। यहां लगाए गए जेएसपीएल के पंडाल में झलक मिलती है कि यह कंपनी सिर्फ स्टील और ऊर्जा का उत्पादन नहीं कर रही है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, कौशल विकास और अन्य उपक्रमों के माध्यम से लोगों के उत्थान के लिए भी प्रयासरत है और “आत्मनिर्भर भारत” की गाथा लिख रही है। दुर्दांत कोविड हर वर्ष की तरह आयोजित राज्योत्सव में इस बार का रंग कुछ अलग है। इस बार राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव – छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में 7 देश, 27 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेशों के 1000 से अधिक नर्तक शामिल हुए हैं इसलिए माहौल में उमंग और उत्साह है। इस रंगारंग वातावरण में जेएसपीएल का पंडाल अपनी अलग छटा बिखेर रहा है।
छत्तीसगढ़ जेएसपीएल की जन्मभूमि है। संस्थापक चेयरमैन श्री ओपी जिन्दल ने 1989 में रायगढ़ में यह पौधा लगाया था, जो आज राष्ट्र की मजबूती में बढ़-चढ़कर योगदान कर रहा है। जेएसपीएल यहां प्रेरणा का स्रोत भी बना हुआ है कि विश्वविख्यात समाजसेवी और उद्यमी श्री ओपी जिन्दल ने हिसार के गांव नलवा में रहते हुए कैसे इतने बड़े सपने देखे और उसे साकार कर दिखाया। इसी तरह चेयरमैन श्री नवीन जिन्दल ने कैसे उन सपनों को आगे बढ़ाया और रेल, ऊर्जा समेत अनेक क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के राष्ट्र के प्रयासों में सहयोगी बने।
छत्तीसगढ़ में जेएसपीएल की यात्रा रायगढ़ में 0.3 एमटीपीए क्षमता के डीआरआई प्लांट से शुरू हुई थी, जो आज 8.6 MTPA एमटीपीए वाली स्टील कंपनी बन गई है। इसमें रायगढ़ प्लांट की क्षमता 3.6 एमटीपीए की है, जिसे और आगे ले जाने के प्रयास किये जा रहे हैं। जेएसपीएल का रायगढ़ प्लांट आज दुनिया के सबसे बड़े स्पंज आयरन उत्पादन प्लांट्स में से एक है। जेएसपीएल निजी क्षेत्र की देश की इकलौती कंपनी है, जो रेल पटरियां बना रही है। इसी तरह यह देश की इकलौती कंपनी है जो तेज गति से चलने वाली ट्रेनों के लिए हेड हार्डेंड रेल रायगढ़ स्थित अपने प्लांट में बना रही है। मेट्रो, मोनो रेल जैसी महानगरीय और अंतर-महानगरीय सेवाओं के विस्तार के सपनों को जेएसपीएल के इन प्रयासों से नए पंख लगे हैं और अब सरकार अपने देश में ही बनी रेल पटरियों के माध्यम से विकास के नए अध्याय लिख रही है। पहले इन पटरियों के लिए विदेश पर ही निर्भरता थी।
रायगढ़ के ही तमनार में स्थित जिन्दल पावर लिमिटेड की स्थापना जेएसपीएल ने की थी, जो स्वतंत्र बिजली उत्पादन क्षेत्र में निजी क्षेत्र की एक क्रांतिकारी पहल थी। यह ऐसी बुनियाद थी, जिसने बिजली उत्पादन क्षमता के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाया।
चाहे स्टील हो या पावर प्लांट, इनकी स्थापना और संचालन के लिए मशीनों की आवश्यकता होती है और इस जरूरत को पूरा किया, रायपुर स्थित जेएसपीएल के मशीनरी डिवीजन ने। रायपुर की इस वर्कशॉप में वे मशीनें भी बनाई गईं, जो सिर्फ विदेश में बनती थीं। यहां अनेक ऐसी स्वदेशी तकनीक विकसित की गई, जो राष्ट्र के औद्योगिक बुनियाद को मजबूत करने में कारगर साबित हुई।
ओपी जिन्दल स्कूल, ओपी जिन्दल यूनिवर्सिटी, ओपी जिन्दल कम्युनिटी कॉलेज, जिन्दल इंस्टीट्यूट ऑफ पावर टेक्नोलॉजी, फोर्टिस-ओपी जिन्दल हॉस्पिटल समेत सामुदायिक विकास के अनेक कार्य आज समाजसेवा के क्षेत्र में जेएसपीएल के योगदान की पहचान बन गए हैं। कोविड-19 के चुनौतीपूर्ण काल में जेएसपीएल ने देशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन पहुंचाकर मानवता की सेवा की अमिट छाप छोड़ी है।

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नई दिल्ली

खान मंत्रालय कल से दो दिवसीय महत्वपूर्ण खनिज शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा।

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नई दिल्ली। शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन (शक्ति), ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) और भारतीय सतत विकास संस्थान (आईआईएसडी) के सहयोग से खान मंत्रालय 29 अप्रैल से 30 अप्रैल, 2024 तक लोधी एस्टेट, नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में “महत्वपूर्ण खनिज शिखर सम्मेलन: लाभकारी और प्रसंस्करण क्षमताओं को बढ़ाना” विषय पर शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा।

महत्वपूर्ण खनिज शिखर सम्मेलन एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे महत्वपूर्ण खनिज के लाभकारी और प्रसंस्करण क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने, ज्ञान साझा करने और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। शिखर सम्मेलन भारत के तीव्र आर्थिक विकास और महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों की पृष्ठभूमि में आयोजित किया जा रहा है, जो नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों और इलेक्ट्रिक वाहनों सहित प्रमुख प्रौद्योगिकियों के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण कच्चे माल (सीआरएम) की घरेलू आपूर्ति को सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है।

शिखर सम्मेलन उद्योग जगत के अग्रणी प्रतिनिधियों, स्टार्टअप, सरकारी अधिकारियों, वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और नीति विशेषज्ञों समेत भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों को एक साझा मंच प्रदान करेगा। प्रतिभागी महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित सक्रिय संवाद और इंटरैक्टिव कार्यशालाओं में भाग लेंगे, जैसे खनिज नीलामी प्रगति, सीआरएम इकोसिस्टम के विकास के लिए नीतिगत प्रोत्साहन और व्यावसायिक रूप से व्यावहारिक तथा पर्यावरण की दृष्टि से स्थायी समाधानों की प्रगति।

शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताओं में आठ प्रमुख खनिजों पर तकनीकी सत्र शामिल हैं। आठ प्रमुख खनिज हैं-ग्लूकोनाइट (पोटाश), लिथियम-दुर्लभ पृथ्वी तत्व (लैटेराइट), क्रोमियम, प्लैटिनम समूह, ग्रेफाइट, ग्रेफाइट से जुड़े टंगस्टन, दुर्लभ पृथ्वी तत्व (आरई) और ग्रेफाइट से जुड़े वैनेडियम। ये सत्र व्यवसाय-से-व्यवसाय सहयोग और ज्ञान साझा करने के लिए बहुमूल्य अवसर प्रदान करेंगे।

महत्वपूर्ण खनिज शिखर सम्मेलन का लक्ष्य सरकार और उद्योग जगत के हितधारकों को सीआरएम के घरेलू उत्पादन में तेजी लाने एवं भारत के आर्थिक विकास और सतत विकास से जुड़े उद्देश्यों का समर्थन करने के लिए आवश्यक ज्ञान, आपसी-जुड़ाव और उपकरणों की सुविधा प्रदान करना है। 

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नई दिल्ली

चौथी तिमाही में मारुति सुजुकी का शुद्ध मुनाफा 48 प्रतिशत उछला

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नई दिल्ली । देश की अग्रणी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में एक साल पहले की तुलना में 48 फीसदी की उछाल के साथ 3,878 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। कंपनी के निदेशक मंडल की हुई बैठक में वित्तीय परिणामों के साथ 125 रुपये प्रति शेयर के लाभांश को भी मंजूरी दी गई, जो वाहन निर्माता के इतिहास में सर्वाधिक है। तिमाही के दौरान कंपनी का राजस्व भी रिकॉर्ड 38,235 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। कंपनी ने एक बयान में बताया कि पूरे वित्त वर्ष के दौरान उसकी बिक्री 20 लाख इकाई रही जो एक नया रिकॉर्ड है। साथ ही उसका निर्यात और शुद्ध लाभ भी नये शिखर पर रहे।मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर. सी. भार्गव ने कहा, “मेरा दृढ़ विश्वास है कि दो महीने से भी कम समय में आने वाली नई सरकार अर्थव्यवस्था को अभूतपूर्व स्तर तक पहुंचाएगी।” बीएसई पर कंपनी के शेयर शुक्रवार को पिछले दिन की तुलना में 1.26 प्रतिशत गिरकर 12,760 रुपये पर बंद हुए।

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Business

एनटीपीसी खरगोन बना पश्चिमी क्षेत्र-II अंतर क्षेत्रीय बैडमिंटन टूर्नामेंट का चैम्पियन 

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लारा । एनटीपीसी खरगोन 25-27 अप्रैल 2024 तक लारा में आयोजित WR-II IRSM बैडमिंटन चैंपियनशिप 2024 की चैंपियन बनकर उभरी। टीम सीपत इस टूर्नामेंट में उपविजेता रही, जबकि कोरबा और लारा दोनों तीसरे स्थान से संतुष्ट रहे। तीन दिनो तक चली इस खेल प्रतियोगिता में विभिन्न स्पर्धाओं में बैडमिंटन खेल खेला गया। प्रतियोगिता के पुरुष एकल चैंपियन रहे खरगोने टीम के मयंक मिश्रा  हैं, महिला एकल चैम्पियन रही लारा की शिला कर्मा, मिश्रित युगल चैंपियन बने सीपत की सुश्री रेनू कुमारी और भरत नेगी।

इन सभी स्पर्धाओं के उपविजेता रहे पुरुष एकल मैच में कोरबा के ए प्रकाश रेड्डी, महिला एकल उपविजेता सीपत की सुश्री नेहा गुप्ता और मिश्रित युगल उपविजेता सुश्री श्रेया रॉय और श्री वामशी। प्रतियोगिता की अंत में अखिलेश सिंह, परियोजना प्रमुख लारा द्वारा  खिलाड़ियों को चैंपियन ट्रॉफी और व्यक्तिगत पदक प्रदान किए गए । इस अवसर पर राजीव रंजन, जीएम (ओ एंड एम), श्री रविशंकर, जीएम (प्रोजेक्ट), श्रीमती संगीता सिंह, अध्यक्ष (प्रेरिता महिला समिति), जाकिर खान, अपर महाप्रबंधक मानव संसाधन, विभागाध्यक्ष, खेल परिषद के सदस्य, कर्मचारी उपस्थित थे।

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