Connect with us

नई दिल्ली

खान मंत्रालय कल से दो दिवसीय महत्वपूर्ण खनिज शिखर सम्मेलन आयोजित करेगा।

Published

on

नई दिल्ली। शक्ति सस्टेनेबल एनर्जी फाउंडेशन (शक्ति), ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (सीईईडब्ल्यू) और भारतीय सतत विकास संस्थान (आईआईएसडी) के सहयोग से खान मंत्रालय 29 अप्रैल से 30 अप्रैल, 2024 तक लोधी एस्टेट, नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में “महत्वपूर्ण खनिज शिखर सम्मेलन: लाभकारी और प्रसंस्करण क्षमताओं को बढ़ाना” विषय पर शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा।

महत्वपूर्ण खनिज शिखर सम्मेलन एक प्रमुख कार्यक्रम है, जिसे महत्वपूर्ण खनिज के लाभकारी और प्रसंस्करण क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने, ज्ञान साझा करने और नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। शिखर सम्मेलन भारत के तीव्र आर्थिक विकास और महत्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों की पृष्ठभूमि में आयोजित किया जा रहा है, जो नवीकरणीय ऊर्जा प्रणालियों और इलेक्ट्रिक वाहनों सहित प्रमुख प्रौद्योगिकियों के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण कच्चे माल (सीआरएम) की घरेलू आपूर्ति को सुनिश्चित करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करता है।

शिखर सम्मेलन उद्योग जगत के अग्रणी प्रतिनिधियों, स्टार्टअप, सरकारी अधिकारियों, वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और नीति विशेषज्ञों समेत भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों को एक साझा मंच प्रदान करेगा। प्रतिभागी महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्रित सक्रिय संवाद और इंटरैक्टिव कार्यशालाओं में भाग लेंगे, जैसे खनिज नीलामी प्रगति, सीआरएम इकोसिस्टम के विकास के लिए नीतिगत प्रोत्साहन और व्यावसायिक रूप से व्यावहारिक तथा पर्यावरण की दृष्टि से स्थायी समाधानों की प्रगति।

शिखर सम्मेलन की मुख्य विशेषताओं में आठ प्रमुख खनिजों पर तकनीकी सत्र शामिल हैं। आठ प्रमुख खनिज हैं-ग्लूकोनाइट (पोटाश), लिथियम-दुर्लभ पृथ्वी तत्व (लैटेराइट), क्रोमियम, प्लैटिनम समूह, ग्रेफाइट, ग्रेफाइट से जुड़े टंगस्टन, दुर्लभ पृथ्वी तत्व (आरई) और ग्रेफाइट से जुड़े वैनेडियम। ये सत्र व्यवसाय-से-व्यवसाय सहयोग और ज्ञान साझा करने के लिए बहुमूल्य अवसर प्रदान करेंगे।

महत्वपूर्ण खनिज शिखर सम्मेलन का लक्ष्य सरकार और उद्योग जगत के हितधारकों को सीआरएम के घरेलू उत्पादन में तेजी लाने एवं भारत के आर्थिक विकास और सतत विकास से जुड़े उद्देश्यों का समर्थन करने के लिए आवश्यक ज्ञान, आपसी-जुड़ाव और उपकरणों की सुविधा प्रदान करना है। 

Continue Reading

नई दिल्ली

सेल ने सीखने और विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रगतिशील मानव संसाधन पहल शुरू की

Published

on

नई दिल्ली । संगठन में निरंतर सीखने और विकास की संस्कृति को मजबूत करने के लिए, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (SAIL) ने 14 मई 2024 को कई प्रमुख प्रगतिशील मानव संसाधन (HR) पहल शुरू की हैं। इस दिशा में, सेल ने कार्यस्थल के अलावा अन्य स्थानों से काम करने (Work from other than Workplace – WoW) की नीति आरम्भ की, जिसे सेल अध्यक्ष अमरेंदु प्रकाश ने लॉन्च किया है। इस नीति के अंतर्गत, कर्मचारी को निर्धारित स्व-विकास गतिविधि (self-development activity) करने पर, कार्यस्थल के अलावा अन्य जगह से काम करने की अनुमति दी जाएगी।


इस अवसर पर सेल अध्यक्ष ने कहा कि “WoW नीति, जो सेल की एक अनूठी पहल है, का उद्देश्य हमारे कर्मचारियों को निर्दिष्ट कार्यस्थल से दूर रहते हुए अधिक रणनीतिक भूमिकाओं पर ध्यान केंद्रित करने और अपने पेशेवर विकास और स्वस्थ वर्क लाइफ बैलेंस में निवेश करने में सक्षम बनाना है।”


सेल के निदेशक (कार्मिक) श्री केके सिंह ने कहा कि “सेल बेहतर कर्मचारी प्रेरणा (employee motivation) और जुड़ाव (engagement) के लिए लगातार नए युग की कई मानव संसाधन पहल शुरू कर रहा है। WoW नीति की शुरूआत इस दिशा में एक ऐसा ही कदम है।”


इसके अलावा, सेल ने बड़ी संख्या में अपने कर्मचारियों को विभिन्न विषयों पर अपने ज्ञान के आधार को बढ़ाने के लिए स्व-गति से सीखने (self-paced learning) की सुविधा प्रदान करने के लिए लिंक्डइन लर्निंग हब (LinkedIn Learning Hub) के साथ भी सहयोग किया है। लिंक्डइन के साथ इस साझेदारी का उद्देश्य अपने कार्यबल का निरंतर व्यावसायिक विकास करना है।


सेल को हाल ही में ग्रेट प्लेस टू वर्क इंस्टीट्यूट, भारत, द्वारा दिसंबर 2023 से दिसंबर 2024 की अवधि के लिए “ग्रेट प्लेस टू वर्क” के रूप में प्रमाणित किया गया है। “ग्रेट प्लेस टू वर्क” प्रमाणन एक वैश्विक मान्यता है जो एक सम्मानित और मांग वाले नियोक्ता होने के लिए सेल की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

Continue Reading

नई दिल्ली

खान सचिव ने नई दिल्ली में खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (काबिल) के पंजीकृत कार्यालय का उद्घाटन किया

Published

on


नई दिल्ली । खान मंत्रालय के सचिव  वीएल कांथा राव ने आज मंत्रालय और काबिल के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में संसद मार्ग, नई दिल्ली में खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (काबिल) के पंजीकृत कार्यालय का उद्घाटन किया। काबिल, खान मंत्रालय के अंतर्गत एक सीपीएसई, नाल्को, एचसीएल और एमईसीएल द्वारा गठित एक संयुक्त उद्यम कंपनी है, जिसे विदेशों में महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिज संपत्तियों की पहचान, खोज, अधिग्रहण और विकास का महत्वपूर्ण कार्य सौंपा गया है। खान सचिव ने अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि दिल्ली में काबिल के कार्यालय का उद्घाटन, भारत की खनिज सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस प्रयासों के एक नए युग का प्रतीक है। उत्कृष्टता के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ, काबिल “मेक इन इंडिया”, “विकसित भारत” और शुद्ध शून्य उत्सर्जन उद्देश्यों के अनुरूप महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों के क्षेत्र में भारत के विकास और आत्मनिर्भरता को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार है। काबिल की यात्रा में एक महत्वपूर्ण कदम 15 जनवरी, 2024 को CAMYEN के साथ एक अन्वेषण और विकास समझौते पर हस्ताक्षर होना था। इस समझौते ने काबिल को अर्जेंटीना में पांच लिथियम ब्लॉकों के विशेष अन्वेषण अधिकार प्रदान किए, जो लिथियम, इलेक्ट्रिक वाहनों सहित विभिन्न उद्योगों के लिए आवश्यक बैटरियों के उत्पादन में प्रमुख घटक, की एक स्थायी आपूर्ति प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जी2जी समझौता ज्ञापन (खान मंत्रालय और डीएसआईआर के बीच) और बी2बी एमओयू (काबिल और सीएमओ के बीच) पर हस्ताक्षर करके भारत ऑस्ट्रेलिया के साथ भी सहयोगी बन गया है, जो लिथियम (विश्व का लगभग 47% शीर्ष उत्पादक) और कोबाल्ट (विश्व का लगभग 3% चौथा सबसे बड़ा उत्पादक) का अग्रणी उत्पादक है। लिथियम और कोबाल्ट की पांच परियोजनाओं का चयन किया गया है जहां परियोजना व्यवहार्यता पर काम किया जा रहा है। नई दिल्ली में काबिल का पंजीकृत कार्यालय खुलना एक बड़ी उपलब्धि है, भारत की घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक खनिजों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु यह काबिल के कुशल और तीव्र कामकाज की सुविधा प्रदान करेगा।

Continue Reading

नई दिल्ली

भारतीय तटरक्षक बल ने जहाज निर्माण में देश के भीतर तैयार की गई सामग्री को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्वदेशी समुद्री वर्गीकृत इस्पात के लिए निजी क्षेत्र के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए

Published

on

नई दिल्ली । भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) और जिंदल स्टील एंड पावर (जेएसपी) ने 07 मई, 2024 को जहाज निर्माण में देश के भीतर तैयार की गई सामग्री को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्वदेशी समुद्री वर्गीकृत इस्पात की आपूर्ति के लिए नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। ये दोनों संस्थाएं इस साझेदारी के माध्यम से स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने व राष्ट्र के हित में इन वस्तुओं के उत्पादन तथा उपयोग की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह समझौता ज्ञापन जटिल सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में सार्वजनिक-निजी भागीदारी के महत्व को रेखांकित करता है और साथ ही सरकारी एजेंसियों एवं निजी क्षेत्र के बीच सहयोग की आवश्यकता पर बल देता है। इस समझौता ज्ञापन में भारतीय तटरक्षक हेतु स्वदेशी समुद्री वर्गीकृत इस्पात की समय पर आपूर्ति के उद्देश्य से जहाज निर्माण यार्डों को आश्वासन देते हुए उत्पाद के निर्माण के लिए नामित इस्पात संयंत्रों के साथ-साथ गुणवत्ता, श्रेणी एवं आयाम सहित कई प्रमुख लाभ तय किए गए हैं। भारतीय तटरक्षक बल के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में उप महानिदेशक (सामग्री एवं रखरखाव) आईजी भारतीय तटरक्षक बल एचके शर्मा और जिंदल स्टील एंड पावर मुख्य विपणन अधिकारी  एसके प्रधान ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।

Continue Reading

Trending

Copyright © 2024 Chhattisgarh Industrial News.