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नई दिल्ली

स्कोप बिजनेस क्विज बोनान्ज़ा 2024 में एनटीपीसी की जीत।

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नई दिल्ली @ एनटीपीसी ने सार्वजनिक क्षेत्र दिवस समारोह के हिस्से के रूप में हाल ही में स्कोप कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली में आयोजित प्रतिष्ठित स्कोप बिजनेस क्विज बोनान्ज़ा (एसबीक्यूबी) में अपनी शानदार जीत की घोषणा की है।एनटीपीसी की टीम जिसमें के एम प्रशांत, जीएम (सीसी) और अंशुमान श्रीवास्तव, डीजीएम (सीपी) शामिल थे, ग्रैंड फिनाले में अन्य प्रतिष्ठित सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों से कड़ी प्रतिस्पर्धा को पार करते हुए विजेता बनकर उभरी।

पुरस्कार अमरेंदु प्रकाश, सीएमडी (सेल),  अतुल सोबती, महानिदेशक, स्कोप, उत्तम लाल, निदेशक (एचआर), एनएचपीसी और स्कोप के अन्य वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों द्वारा वितरित किए गए। एनटीपीसी के निदेशक (मानव संसाधन) डी के पटेल ने टीम के सदस्यों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी। देश भर से विभिन्न महारत्न, नवरत्न और मिनीरत्न सार्वजनिक उपक्रमों की 100 से अधिक टीमों ने क्विज़ में भाग लिया। प्रारंभिक स्क्रीनिंग राउंड और उसके बाद दो सेमीफाइनल राउंड के बाद, ग्रैंड फिनाले में चार टीमें थीं – एनटीपीसी की एक टीम और सेल की तीन टीमें। चार राउंड की क्विज़िंग के बाद एनटीपीसी टीम विजेता बनी।प्रश्नोत्तरी में प्रबंधन अवधारणाओं, वर्तमान व्यावसायिक घटनाओं, ब्रांडों, व्यावसायिक हस्तियों और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के इतिहास और विरासत से संबंधित प्रश्न शामिल थे।

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नई दिल्ली

जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों के अधिकारों पर हैंडबुक जारी की

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नई दिल्ली । भारत में ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों के अधिकारों पर हैंडबुक का अनावरण सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी ने ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति प्रो. (डॉ.) सी. राज कुमार और ट्रांस जस्टिस आंदोलन के हितधारकों व कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में किया। यह हैंडबुक जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल में लॉ एंड मार्जिनलाइजेशन क्लिनिक, सेंटर फॉर जस्टिस, लॉ एंड सोसाइटी (सीजेएलएस) द्वारा प्रोफेसर दीपिका जैन और नताशा अग्रवाल की देखरेख में “ट्रांस जस्टिस एंड द लॉ क्लिनिक” नामक क्लिनिकल कोर्स के हिस्से के रूप में ट्रांसमेन कलेक्टिव, ईगल और फेमिनिस्ट फ़्यूचर के सहयोग से तैयार की गई है।कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा की पहल, हैंडबुक ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 को उजागर करती है और ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों को उनके संवैधानिक और वैधानिक अधिकारों का दावा करने के लिए सशक्त बनाने का प्रयास करती है। न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी (पूर्व न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट) ने विशेष संबोधन में हैंडबुक के महत्व पर जोर दिया और 2014 में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण बनाम भारत संघ में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लिखने और सुनाने के अपने अनुभवों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा : “हम फैसले से लेकर अधिनियम और अब इस हैंडबुक जैसे संसाधनों तक एक लंबा सफर तय कर चुके हैं जो समुदाय को उनके अधिकारों का एहसास करने और भारत के संविधान के वादों को पूरा करने में मदद करेगा।”

न्यायमूर्ति सीकरी ने न केवल न्यायशास्त्रीय दृष्टिकोण से, बल्कि समाज के भीतर सम्मान और प्रतिष्ठा सुनिश्चित करने के लिए भी पहचान का महत्व समझाया।प्रो. (डॉ.) सी. राज कुमार (संस्थापक कुलपति, ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी) ने स्वागत भाषण में नैदानिक कानूनी शिक्षा के लिए जेजीयू की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और टिप्पणी की कि “कानून स्कूलों के लिए सामाजिक न्याय आंदोलन के साथ जुड़ाव सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।”

उन्होंने एक ऐसी हैंडबुक विकसित करने के लिए आवश्यक बौद्धिक कठोरता और सहयोगात्मक दृष्टिकोण पर भी जोर दिया जो व्यापक, सुलभ हो और जिसका उपयोग कार्यकर्ताओं व समुदाय के सदस्यों द्वारा जमीन पर किया जा सके।

हैंडबुक का परिचय देते हुए दीपिका जैन, लॉ की प्रोफेसर, वाइस डीन, निदेशक, लॉ एंड मार्जिनलाइजेशन क्लिनिक, सेंटर फॉर जस्टिस, लॉ एंड सोसाइटी, जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल और नताशा अग्रवाल, क्लिनिकल असिस्टेंट प्रोफेसर ऑफ लॉ, जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल ने बताया कि लॉ एंड मार्जिनलाइज़ेशन क्लिनिक का काम अंतर्संबंध और समुदाय-केंद्रित दृष्टिकोण पर आधारित है।

प्रत्येक नैदानिक परियोजना का उद्देश्य और परिणाम ट्रांस मूवमेंट के साथियों द्वारा तैयार किया जाता है।हैंडबुक कोई अपवाद नहीं है, क्योंकि ट्रांस आंदोलन के दोस्तों ने एक ऐसे संसाधन की जरूरत पर जोर दिया है, जो ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम को व्यापक रूप से विखंडित करता है।

उन्होंने ट्रांस, विविध लिंग और इंटरसेक्स समुदायों के सदस्यों के प्रति भी आभार जताया, जिन्होंने परामर्शात्मक प्रक्रियाओं और समीक्षाओं के माध्यम से अपनी विशेषज्ञता और प्रतिक्रिया की पेशकश की।

हैंडबुक ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम, ट्रांसजेंडर व्यक्ति नियम, सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न उच्च न्यायालयों के प्रासंगिक निर्णयों के साथ-साथ राज्य-विशिष्ट कल्याण योजनाओं के प्रावधानों को उजागर करती है।

ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों के लिए :

विशेष रूप से, हैंडबुक किसी व्यक्ति की लिंग पहचान को दर्शाने वाले पहचान दस्तावेजों को प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाती है और शिक्षा, रोजगार व स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों के अधिकारों की व्याख्या करती है।

हैंडबुक यह प्रदर्शित करने के लिए काल्पनिक परिदृश्यों का उपयोग करती है कि कैसे एक ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्ति कानून के तहत अपने अधिकारों का दावा कर

सकता है।इसके अलावा, ये काल्पनिक बातें दलित, बहुजन, आदिवासी और मुस्लिम व्यक्तियों व विकलांग व्यक्तियों सहित सामाजिक-राजनीतिक और भौगोलिक संदर्भों में व्यक्तियों द्वारा सामना की जाने वाली अद्वितीय बाधाओं का वर्णन करती हैं।

यह हैंडबुक भारत भर में जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं और संगठनों के साथ-साथ ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों के कानूनी सशक्तीरण के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण होगी।

लॉन्च इवेंट में माधवी गोराडिया दीवान (वरिष्ठ वकील, सुप्रीम कोर्ट), अक्कई पद्मशाली (सामाजिक कार्यकर्ता और ओन्डेडे के संस्थापक), नू मिश्रा (संस्थापक, रिवाइवल डिसेबिलिटी इंडिया) और ऋत्विक दत्ता (पत्रकार, बीबीसी) के साथ एक पैनल चर्चा भी हुई।

पैनल का संचालन डॉ. अक्सा शेख (सामुदायिक चिकित्सा के प्रोफेसर, ह्यूमन सॉलिडेरिटी फाउंडेशन के संस्थापक) ने किया।

अधिवक्ता माधवी दीवान ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों पर चर्चा की और सकारात्मक कार्रवाई व प्रक्रियात्मक की कमी को ध्यान में रखते हुए कानून की कुछ सीमाओं पर चर्चा की।ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए पहचान पत्र प्राप्त करने में जटिलताएं :

ऋत्विक दत्ता ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम के तहत कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन पर भी बात की, विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत में स्माइल योजना के कार्यान्वयन की कमी को ध्यान में रखते हुए। इसी तरह, अक्कई पद्मशाली ने जारी किए गए पहचान पत्रों की सीमित संख्या की ओर इशारा किया, जिसके परिणामस्वरूप मतदान के लिए पंजीकरण कराने वाले ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की संख्या पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। डॉ. अक्सा शेख और नू मिश्रा ने हैंडबुक के मूल्य और महत्व पर जोर दिया। विशेष रूप से नू मिश्रा ने दृश्य तत्वों और कलाकृति के समावेश की सराहना की, यह देखते हुए कि कला अक्सर कार्यकर्ताओं के बीच वकालत का एक उपकरण है। डॉ. अक्सा ने उन तरीकों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें हैंडबुक जीवित अनुभवों से ली गई है और इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि कानून कैसे बनता है। विशेष रूप से, नू मिश्रा ने दृश्य तत्वों और कलाकृति के समावेश की सराहना की, यह देखते हुए कि कला अक्सर कार्यकर्ताओं के बीच वकालत का एक उपकरण है। ↑डॉ. अक्सा ने उन तरीकों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें हैंडबुक जीवित अनुभवों से ली गई है और इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि इनमें से प्रत्येक स्थिति में कानून का उपयोग कैसे किया जा सकता है।

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नई दिल्ली

भारत और ऑस्ट्रेलिया सहयोगी परियोजनाओं के लिए मिलकर काम करने के साथ ही बाजार पहुंच के मुद्दों को समय पर हल करेंगे तथा  लोगों के बीच परस्पर संपर्क को गहरा करेंगे एवं प्राथमिकता वाले  आयात डेटा साझा करने के लिए संस्थागत तंत्र बनाएंगे और चल रही समग्र आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए) वार्ताओं के परिणामोन्मुख सफल समापन के लिए नवीन क्षेत्रों पर काम करेंगे

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नई दिल्ली । ऑस्ट्रेलिया ओशिनिया क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार हैI भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वाणिज्यिक व्यापार 2023-24 में लगभग 24 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचा है, जो आगे भी विकास की महत्वपूर्ण संभावना का संकेत देता है। इस हेतु संयुक्त समिति की बैठक दोनों देशों के लिए व्यापार संबंधों को और सुदृढ़ करने एवं व्यापार सुविधा, निवेश प्रोत्साहन के साथ ही प्रौद्योगिकी के समर्थन सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग के नए अवसरों की खोज करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करती है। वाणिज्य सचिव श्री सुनील बर्थवाल के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सिडनी और मेलबोर्न में व्यापार के साथ ही दोनों अर्थव्यवस्थाओं में विद्यमान व्यापार पूरकताओं और विशेषज्ञता तथा अज्ञात संभावनाओं का लाभ उठाने के उद्देश्य से केनबरा में विदेश मामलों और व्यापार विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ़ फॉरेन अफेयर्स एंड  ट्रेड -डीएफएटी) के उप सचिव श्री जॉर्ज मीना के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल के साथ विभिन्न व्यापार और संभावित निवेश संबंधी मुद्दों पर बहुत रचनात्मक एवं सार्थक  चर्चा की ।

भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (इंड-ऑस्ट्रेलिया इकॉनोमिक कोऑपरेशन एंड ट्रेड एग्रीमेंट-ईसीटीए) के अंतर्गत  पहली संयुक्त समिति की बैठक (जेसीएम) में  दोनों पक्षों ने ईसीटीए के सुचारु कार्यान्वयन को स्वीकार करते हुए जैविक उत्पादों पर परस्पर मान्यता प्रबन्धन (म्यूचुअल रिकग्निशन एरेंजमेंट–एमआरए) सहित भिंडी, अनार, अंगूर, पनीर, मैकाडामिया नट्स, दाल और एवोकैडो जैसे उत्पादों से संबंधित बाजार पहुंच के मुद्दे, टैरिफ दर कोटा (टीआरक्यू) की व्यवस्था, विशेष रूप से जेनरिक औषधियों पर ऑस्ट्रेलिया में औषधि (फार्मास्युटिकल) मूल्य निर्धारण नियंत्रण, व्हिस्की और वाइन पर नियामक चुनौतियों को संबोधित करने के उद्देश्य से कार्य समूह द्वारा की गई प्रगति और त्तथा ईसीटीए उप-समिति की बैठकों के परिणामों के साथ ही समय पर समाधान के लिए उनकी नियमित बैठकों की आवश्यकता और इन उत्पादों के व्यापार को बढ़ावा देने त्तथा तटीय पर्यटन, महत्वपूर्ण खनिजों  सहित पारस्परिक हित के क्षेत्र और भारत में झींगा और केकड़ों के लिए रोग-मुक्त क्षेत्र स्थापित करने के लिए सहयोग हेतु आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) के कार्यान्वयन मुद्दों पर संक्षेप में विवरण दिया। जेसीएम ने संयुक्त समिति के लिए प्रक्रिया के नियमों को भी अपनाया और मासिक आधार पर प्राथमिकता वाले आयात डेटा के नियमित आदान-प्रदान के उद्देश्य से मुक्त व्यापार समझौते (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट –एफटीए) के लिए अपनी तरह का पहला संस्थागत तंत्र स्थापित किया। इसमें विशेष रूप से स्टार्ट-अप पर निवेश को बढ़ावा देने के लिए आगामी मुख्य कार्कारी अधिकारी मंच (सीईओ फोरम) कार्यक्रम के लिए एकीकृत दृष्टिकोण पर भी संक्षेप में विचार-विमर्श किया गया।

जेसीएम बैठक में कुछ महत्वपूर्ण सेवा मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिसमें सीमा पार ई-भुगतान की सुविधा के लिए भारत के अनुरोध और नर्सिंग और दंत चिकित्सा जैसे व्यवसायों में पारस्परिक मान्यता समझौतों पर विचार शामिल है। इसके अलावा, ब्रिटेन (यूके) -ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार समझौते के अनुरूप ईएनटी/एलएमटी आवश्यकता को हटाने की प्रतिबद्धता दोहराई गई, साथ ही दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य कर्मियों के आवागमन को सुविधाजनक बनाने एवं टेली-मेडिसिन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने पर भी चर्चा की गई। कुल मिलाकर, संयुक्त समिति की बैठक (जेसीएम) ने ठोस और पारस्परिक रूप से लाभप्रद आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिससे दोनों देशों के लिए सहयोग और समृद्धि में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा। भारत-ऑस्ट्रेलिया समग्र आर्थिक सहयोग समझौता (कम्प्रिहेंसिव इकॉनोमिक कोऑपरेशन एग्रीमेंट–सीईसीए) वार्ता के अंतर्गत नौ दौर के बाद हुई प्रगति की समीक्षा करने और इसके पूरा होने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए वाणिज्य विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ़ कॉमर्स –डीओसी) से अतिरिक्त सचिव श्री राजेश अग्रवाल और विदेश मामलों और व्यापार विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ़ फॉरेन अफेयर्स एंड  ट्रेड -डीएफएटी) से सहायक सचिव श्री रवि केवलराम के बीच दोनों पक्षों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (इंड-ऑस्ट्रेलिया इकॉनोमिक कोऑपरेशन एंड ट्रेड एग्रीमेंट- ईसीटीए) की उपलब्धियों के आधार पर एक संतुलित परिणाम पर पहुंचने के लिए मुख्य वार्ताकार स्तर पर भी चर्चा हुई। इसने अर्थव्यवस्थाओं के गहन एकीकरण के लिए एफटीए के पारंपरिक दृष्टिकोण से परे जाकर विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावी सहयोग के क्षेत्रों का भी पता लगाया।

बैठक में विश्व व्यापार संगठन (वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाईजेशन) के मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने वाणिज्य सचिव की सराहना करते हुए सार्वजनिक स्टॉक होल्डिंग (पीएसएच) के स्थायी समाधान के लंबे समय से लंबित मुद्दे के शीघ्र समाधान के लिए ऑस्ट्रेलिया के समर्थन के महत्व को स्पष्ट किया। ऑस्ट्रेलिया ने सेवाओं के लिए घरेलू समर्थन की बहुपक्षीय व्यवस्था के लिए भारत से समर्थन मांगा। दोनों पक्ष आवश्यकता पड़ने पर इन मामलों पर अंतर-सत्रीय (इन्टरसेशन्ली) चर्चा करने पर भी सहमत हुए। सिडनी और मेलबर्न में भारत ऑस्ट्रेलिया व्यापार परिषद (ऑस्ट्रेलिया इंडिया बिजनेस काउंसिल) और व्यापर परिसंघ (चैंबर्स ऑफ कॉमर्स) के साथ-साथ भारतीय उद्योग परिसंघ (चैम्बर ऑफ़ इन्फिंन इंडस्ट्रीज –सीआईआई) सहित व्यवसायों और व्यापारिक संगठनों के साथ बैठकें करके आपसी हित के क्षेत्रों का पता लगाया गया। यह स्पष्ट था कि वर्तमान  क्षमता को देखते हुए, व्यवसायी संगठन   क्षमता निर्माण और व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल अंतराल मानचित्रण अभ्यास के माध्यम से कुशल पेशेवरों और देखभाल करने वालों जैसे स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों, नर्सों आदि को काम पर रखने, मानकों की पारस्परिक मान्यता की आवश्यकता, महत्वपूर्ण खनिजों, सीमा पार भुगतान प्रणाली, वित्त, शिक्षा, कृषि, डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण, परिवहन और भंडारण, खेल, औषधि क्षेत्र (फार्मास्यूटिकल्स), सिलिकॉन वेफर्स, अंतरिक्ष, चिकित्सा उपकरण आदि सहित डिजिटल सम्पर्क (कनेक्टिविटी) पर सहयोग सहित एक साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।

कुल मिलाकर, इन बैठकों से दोनों पक्षों के व्यवसायों एवं सरकारों की कड़ी मेहनत करने और रणनीतिक साझेदारी को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए नया समन्वयन करने की अत्यधिक उत्सुकता का पता चला, जिससे व्यवसायों और नागरिकों को महत्वपूर्ण लाभ हो सके।

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नई दिल्ली

खनन क्षेत्र ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया

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प्रमुख खनिजों और एल्युमीनियम धातु के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि


नई दिल्ली । मार्च 2024 महीने के लिए खनिज उत्पादन सूचकांक 156.1 था, जो मार्च 2023 महीने के स्तर की तुलना में 1.2 प्रतिशत अधिक है। पूरे वित्तीय वर्ष 2023-24 के सूचकांक में वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मार्च 2024 के दौरान कुछ गैर-ईंधन खनिजों कॉपर कंसंट्रेट, सोना, मैंगनीज अयस्क, हीरा, ग्रेफाइट, कायनाइट, सिलिमेनाइट, लाइमशेल, चूना पत्थर, मैग्नेसाइट आदि में पिछले वर्ष इसी महीने की तुलना में सकारात्मक वृद्धि देखने को मिली।

लौह अयस्क और चूना पत्थर मिलकर मूल्य के हिसाब से कुल एमसीडीआर खनिज उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं। अस्‍थायी आंकड़ों के अनुसार देश में इन प्रमुख खनिजों के उत्पादन में वित्तीय वर्ष 2023-24 में उच्च वृद्धि देखी गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 277 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) लौह अयस्क के उत्पादन ने 7.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्राप्त 258 एमएमटी के उत्पादन रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। इसी तरह का रुझान दिखाते हुए, चूना पत्थर उत्पादन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्राप्त 406.5 एमएमटी के उत्पादन रिकॉर्ड को भी पार कर लिया है, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में 10.7 प्रतिशत बढ़कर 450 एमएमटी हो गया है।

अलौह धातु क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्राइमरी एल्युमीनियम धातु के उत्पादन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के उत्पादन रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। प्राइमरी एल्युमीनियम उत्पादन 2.1 प्रतिशत की वृद्धि दर से वित्तीय वर्ष 2022-23 में 40.73 लाख टन (एलटी) से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 41.59 एलटी हो गया।

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एल्युमीनियम उत्पादक, तीसरा सबसे बड़ा चूना उत्पादक और चौथा सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में लौह अयस्क और चूना पत्थर के उत्पादन में स्वस्थ वृद्धि उपयोगकर्ता उद्योगों स्टील और सीमेंट में मजबूत मांग की स्थिति को दर्शाती है। एल्युमीनियम में उच्च वृद्धि के साथ, ये वृद्धि संबंधी रुझान ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, निर्माण, ऑटोमोटिव और मशीनरी जैसे उपयोगकर्ता क्षेत्रों में मजबूत आर्थिक गतिविधि की ओर संकेत करते हैं।

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नई दिल्ली37 mins ago

जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों के अधिकारों पर हैंडबुक जारी की

नई दिल्ली1 hour ago

भारत और ऑस्ट्रेलिया सहयोगी परियोजनाओं के लिए मिलकर काम करने के साथ ही बाजार पहुंच के मुद्दों को समय पर हल करेंगे तथा  लोगों के बीच परस्पर संपर्क को गहरा करेंगे एवं प्राथमिकता वाले  आयात डेटा साझा करने के लिए संस्थागत तंत्र बनाएंगे और चल रही समग्र आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए) वार्ताओं के परिणामोन्मुख सफल समापन के लिए नवीन क्षेत्रों पर काम करेंगे

Bilaspur4 hours ago

सतर्कता निरीक्षण अभियान के दूसरे दिन, एसईसीएल सीवीओ पहुंचे रायगढ़ क्षेत्र कोयला स्टॉक, साइलो, साइडिंग, आईटी उपायों का किया वृहत निरीक्षण

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