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नई दिल्ली

केएबीआईल ने महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिज क्षेत्र में भूभौतिकीय जांच को आगे बढ़ाने के लिए सीएसआईआर-एनजीआरआई के साथ एक समझौता किया।

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नई दिल्ली @ खनिज विदेश इंडिया लिमिटेड (केएबीआईएल) ने महत्वपूर्ण और रणनीतिक खनिजों से जुड़ी परियोजनाओं और गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से भूभौतिकीय जांच के क्षेत्र में दीर्घकालिक सहयोग बढ़ाने के लिए वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद – राष्ट्रीय भूभौतिकी अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर- एनजीआरआई) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। भुवनेश्वर स्थित नालको के कॉर्पोरेट कार्यालय में नालको के निदेशक (वाणिज्यिक) और केएबीआईएल के सीईओ सदाशिव सामंतराय और सीएसआईआर-एनजीआरआई के निदेशक डॉ. प्रकाश कुमार ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर नालको के सीएमडी और केएबीआईएल के चेयरमैन श्रीधर पात्रा भी उपस्थित रहे। यह सहयोग भूभौतिकी, भू-रासायनिक और भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, डेटा विश्लेषण, व्याख्या और मॉडलिंग, वैज्ञानिक जानकारियों को साझा करने, तकनीकी सहयोग और सलाहकार सेवाओं पर केंद्रित होगा। नालको के सीएमडी और केएबीआईएल के चेयरमैन श्रीधर पात्रा ने कहा कि इस भागीदारी से केएबीआईएल की परियोजनाओं में नवाचार और कदम उठाने योग्य अंतर्दष्टि को बढ़ावा देने का मार्ग प्रशस्त करेगा। केएबीआईएल भारत सरकार के खान मंत्रालय के तहत आने वाले तीन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों नेशनल एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (नालको), हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) और मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (एमईसीएल) की एक संयुक्त उद्यम कंपनी है।

नई दिल्ली

खनन क्षेत्र ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया

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प्रमुख खनिजों और एल्युमीनियम धातु के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि


नई दिल्ली । मार्च 2024 महीने के लिए खनिज उत्पादन सूचकांक 156.1 था, जो मार्च 2023 महीने के स्तर की तुलना में 1.2 प्रतिशत अधिक है। पूरे वित्तीय वर्ष 2023-24 के सूचकांक में वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मार्च 2024 के दौरान कुछ गैर-ईंधन खनिजों कॉपर कंसंट्रेट, सोना, मैंगनीज अयस्क, हीरा, ग्रेफाइट, कायनाइट, सिलिमेनाइट, लाइमशेल, चूना पत्थर, मैग्नेसाइट आदि में पिछले वर्ष इसी महीने की तुलना में सकारात्मक वृद्धि देखने को मिली।

लौह अयस्क और चूना पत्थर मिलकर मूल्य के हिसाब से कुल एमसीडीआर खनिज उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं। अस्‍थायी आंकड़ों के अनुसार देश में इन प्रमुख खनिजों के उत्पादन में वित्तीय वर्ष 2023-24 में उच्च वृद्धि देखी गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 277 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) लौह अयस्क के उत्पादन ने 7.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्राप्त 258 एमएमटी के उत्पादन रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। इसी तरह का रुझान दिखाते हुए, चूना पत्थर उत्पादन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्राप्त 406.5 एमएमटी के उत्पादन रिकॉर्ड को भी पार कर लिया है, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में 10.7 प्रतिशत बढ़कर 450 एमएमटी हो गया है।

अलौह धातु क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्राइमरी एल्युमीनियम धातु के उत्पादन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के उत्पादन रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। प्राइमरी एल्युमीनियम उत्पादन 2.1 प्रतिशत की वृद्धि दर से वित्तीय वर्ष 2022-23 में 40.73 लाख टन (एलटी) से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 41.59 एलटी हो गया।

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एल्युमीनियम उत्पादक, तीसरा सबसे बड़ा चूना उत्पादक और चौथा सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में लौह अयस्क और चूना पत्थर के उत्पादन में स्वस्थ वृद्धि उपयोगकर्ता उद्योगों स्टील और सीमेंट में मजबूत मांग की स्थिति को दर्शाती है। एल्युमीनियम में उच्च वृद्धि के साथ, ये वृद्धि संबंधी रुझान ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, निर्माण, ऑटोमोटिव और मशीनरी जैसे उपयोगकर्ता क्षेत्रों में मजबूत आर्थिक गतिविधि की ओर संकेत करते हैं।

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नई दिल्ली

भारत-नाइजीरिया संयुक्त व्यापार समिति का दूसरा सत्र अबुजा में आयोजित हुआ

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दोनों पक्ष स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली समझौते को शीघ्र ही अंतिम रूप देंगे

महत्व (फोकस) के कई क्षेत्रों : डिजिटल अर्थव्यवस्था और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस, औषधि क्षेत्र (फार्मास्यूटिकल्स) की पहचान की गई

नई दिल्ली । वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव श्री अमरदीप सिंह भाटिया के नेतृत्व में भारत से सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल, नाइजीरिया संघीय गणराज्य में भारत के उच्चायुक्त श्री जी बालासुब्रमण्यम और वाणिज्य विभाग की आर्थिक सलाहकार सुश्री प्रिया पी. नायर ने 29.04.2024 से 30.04.2024 तक अबुजा में अपने नाइजीरियाई समकक्षों के साथ एक संयुक्त व्यापार समिति (जॉइंट ट्रेड कमेटी -जेटीसी) की बैठक की। जेटीसी की सह-अध्यक्षता नाइजीरिया के संघीय उद्योग व्यापार और निवेश मंत्रालय के स्थायी सचिव, राजदूत नूरा अब्बा रिमी और अतिरिक्त सचिव, वाणिज्य विभाग ने की । एक व्यापक वार्तालाप में, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों में हाल में हुई  प्रगति की विस्तृत समीक्षा की और आगे के विस्तार के लिए अप्रयुक्त विशाल क्षमता को स्वीकार किया।

इसी आशय से, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार के साथ-साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी निवेश को बढ़ाने के लिए महत्त्व (फोकस) के कई क्षेत्रों की पहचान की। इनमें दोनों पक्षों के बाजार में पहुंच के मुद्दों को हल करना और कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस, औषधियां (फार्मास्यूटिकल्स), एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूनिफाईड पेमेंट इंटरफेस-यूपीआई), स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली, बिजली क्षेत्र और नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि तथा खाद्य प्रसंस्करण, परिवहन, रेलवे, विमानन, सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई), विकास तथा शिक्षा आदि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग शामिल है। दोनों पक्ष द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को और सुदृढ़ करने के लिए स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली समझौते के शीघ्र सम्पन्न होने पर सहमत हुए। भारत के आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल में भारतीय रिज़र्व बैंक (आईबीआई), आयात निर्यात (एक्सपोर्ट इम्पोर्ट – ईएक्सआईएम) बैंक ऑफ़ इंडिया और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (एनपीसीएल) के अधिकारी शामिल थे। दोनों पक्षों के अधिकारी सक्रिय रूप से जेटीसी की कार्यवाही में लगे रहे। चर्चा सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण वातावरण में हुई तथा फलदायी भी रही। अधिक सहयोग, लंबित मुद्दों के समाधान, व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने, लोगों के बीच परस्पर संपर्क बढ़ाने के प्रति उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया भी मिली। द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक ठोस प्रयास के अंतर्गत दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार में बाधा डालने वाले सभी मुद्दों को शीघ्रता से हल करने और दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई। भारतीय उद्योग परिसंघ (चैम्बर ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्रीज –सीआईआई) के नेतृत्व में एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ आया था जिसमें विद्युत् , आर्थिक प्रौद्योगिकी (फिनटेक), दूरसंचार, विद्युत मशीनरी, औषधि (फार्मास्यूटिकल्स) आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल थे। भारत-नाइजीरिया संयुक्त व्यापार समिति (जेटीसी) के दूसरे सत्र के विचार-विमर्श सौहार्दपूर्ण और भविष्योन्मुखी थे, जो दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण और विशेष संबंध होने का संकेत है। नाइजीरिया अफ्रीका क्षेत्र में भारत का दूसरा सबसे बड़ा एवं प्रमुख व्यापारिक भागीदार है । भारत और नाइजीरिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 11.8 अरब (बिलियन) अमेरिकी डॉलर रहा। वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार गिरावट का रुख दर्शाने के बाद भी 7.89 अरब (बिलियन) रहा । 27 अरब (बिलियन) अमेरिकी डॉलर के कुल निवेश के साथ, लगभग 135 भारतीय कंपनियां नाइजीरिया के जीवंत बाजार में सक्रिय रूप से लगी हुई हैं। और ये सभी निवेश बुनियादी ढांचे, विनिर्माण, उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं सहित विविध क्षेत्रों में किए गए हैं।

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वित्तवर्ष 2024 में अदाणी पावर का राजस्व 37 फीसदी बढ़ा, कर पूर्व समेकित लाभ दोगुना से ज्यादा

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नई दिल्ली । अडाणी पावर ने वित्तवर्ष 2024 के लिए राजस्व में 37 प्रतिशत की वृद्धि (साल-दर-साल) 50,960 करोड़ रुपये दर्ज की, जबकि कमाई (ईबीआईटीडीए) दोगुना से अधिक बढ़कर 18,789 करोड़ रुपये हो गई। वित्तवर्ष 2024 के लिए कर पूर्व समेकित लाभ (पीबीटी) पिछले वित्तवर्ष के 7,675 करोड़ रुपये की तुलना में दोगुना से अधिक 20,792 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने एक बयान में कहा, चौथी तिमाही के लिए राजस्व 29 प्रतिशत बढ़कर 13,787 करोड़ रुपये (सालाना) हो गया और कमाई (ईबीआईटीडीए) से अधिक बढ़कर 5,273 करोड़ रुपये हो गया। जनवरी-मार्च अवधि के लिए कर पूर्व समेकित लाभ वित्तवर्ष 23 की चौथी तिमाही में 898 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग चार गुना बढ़कर 3,558 करोड़ रुपये हो गया। अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने कहा कि जैसे- जैसे भारत अधिक टिकाऊ ऊर्जा भविष्य की ओर बढ़ रहा है, “अडाणी कंपनियों का पोर्टफोलियो देश की आर्थिक वृद्धि का समर्थन करने और उसकी आकांक्षाओं को साकार करने में मदद करने के लिए नवीन, विश्वसनीय और स्केलेबल समाधान प्रदान करना जारी रखेगा।” गौतम अदाणी, “अदाणी पावर हमारी दीर्घकालिक रणनीति का एक प्रमुख घटक है, जो देश के विशाल हिस्से में विश्वसनीय बेस लोड बिजली की आपूर्ति करता है, बेंचमार्क-सेटिंग परियोजनाओं को क्रियान्वित करता है, राष्ट्रीय महत्व की संपत्ति बनाता है और अधिक एकीकरण को सक्षम करने के लिए संतुलन आपूर्ति के रूप में कार्य करता है। ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा।” चौथी तिमाही के साथ-साथ वित्तवर्ष 24 के दौरान, मुंद्रा, नए चालू हुए गोड्डा प्लांट, उडुपी और महान के नेतृत्व वाले लगभग सभी संयंत्रों द्वारा उच्च मात्रा में योगदान दिया गया। कंपनी ने कहा कि पूरे भारत में बिजली की बढ़ती मांग के कारण घरेलू बिजली की बिक्री जारी रही और आयातित कोयले व वैकल्पिक ईंधन की गिरती कीमतों से बिजली खरीद समझौते (पीपीए) के तहत उठान को और समर्थन मिला।अदाणी पावर लिमिटेड के सीईओ, एस.बी. ख्यालिया ने कहा, “अदाणी पावर ने अपनी मूल शक्तियों का प्रदर्शन करते हुए एक और उत्कृष्ट तिमाही दर्ज की है, जिसमें एक वर्ष में असाधारण परिचालन और वित्तीय प्रदर्शन रहा है, जो इसकी ठोस रणनीति और परिचालन उत्कृष्टता का एक उपयुक्त प्रमाण है।” बिजली की मांग में सुधार, कम आयातित कोयले की कीमतों और बड़ी स्थापित क्षमता के कारण वित्तवर्ष 2024 में समेकित बिजली बिक्री की मात्रा 79.3 अरब यूनिट थी, जो वित्तवर्ष 23 में 53.4 अरब यूनिट से 48 प्रतिशत अधिक थी। गौतम अदाणी ने कहा, “हम व्यवसायों में निरंतर नवाचार और सभी हितधारकों के लिए स्थायी मूल्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

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