Connect with us

Business

Mandakini Club Organises Fire Safety Workshop on 19th April 2024

Published

on

Korba @ Mandakini Club, under the supervision of the Fire Wing of the Central Industrial Security Force (CISF), NTPC Barh Unit, conducted a fire safety workshop. The chief guest for the workshop was Smt. Sangeeta Goel, President of Mandakini Club, NTPC Barh. The workshop aimed to provide a comprehensive understanding of fire safety, both in theory and practice, to the members of the club.

The workshop was conducted with careful guidance from Sh. R.P. Turkane, Inspector, Fire Wing, CISF. The members of Mandakini Club not only understood the theory of fire safety but also experienced real-time hands-on demonstrations. These demonstrations helped the attendees to understand the practical aspects of fire safety, which is crucial in being prepared for any incidents.

The workshop was an immense learning experience for everyone, including children. By understanding the practical aspects of fire safety, the attendees will be better prepared to act upon any incidents, ensuring their safety and the safety of those around them. The hands-on demonstrations and careful guidance provided by fire safety experts at the Mandakini Club workshop would have been an invaluable learning experience for all attendees.

In conclusion, the Mandakini Club fire safety workshop on April 19, 2024, was a significant event that provided attendees with a comprehensive understanding of fire safety. The real-time hands-on demonstrations and careful guidance from fire safety experts would have equipped attendees with the necessary knowledge and skills to act upon any incidents, ensuring their safety and the safety of those around them

नई दिल्ली

भारत-नाइजीरिया संयुक्त व्यापार समिति का दूसरा सत्र अबुजा में आयोजित हुआ

Published

on


दोनों पक्ष स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली समझौते को शीघ्र ही अंतिम रूप देंगे

महत्व (फोकस) के कई क्षेत्रों : डिजिटल अर्थव्यवस्था और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, कच्चा तेल और प्राकृतिक गैस, औषधि क्षेत्र (फार्मास्यूटिकल्स) की पहचान की गई

नई दिल्ली । वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के अतिरिक्त सचिव श्री अमरदीप सिंह भाटिया के नेतृत्व में भारत से सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल, नाइजीरिया संघीय गणराज्य में भारत के उच्चायुक्त श्री जी बालासुब्रमण्यम और वाणिज्य विभाग की आर्थिक सलाहकार सुश्री प्रिया पी. नायर ने 29.04.2024 से 30.04.2024 तक अबुजा में अपने नाइजीरियाई समकक्षों के साथ एक संयुक्त व्यापार समिति (जॉइंट ट्रेड कमेटी -जेटीसी) की बैठक की। जेटीसी की सह-अध्यक्षता नाइजीरिया के संघीय उद्योग व्यापार और निवेश मंत्रालय के स्थायी सचिव, राजदूत नूरा अब्बा रिमी और अतिरिक्त सचिव, वाणिज्य विभाग ने की । एक व्यापक वार्तालाप में, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों में हाल में हुई  प्रगति की विस्तृत समीक्षा की और आगे के विस्तार के लिए अप्रयुक्त विशाल क्षमता को स्वीकार किया।

इसी आशय से, दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार के साथ-साथ पारस्परिक रूप से लाभकारी निवेश को बढ़ाने के लिए महत्त्व (फोकस) के कई क्षेत्रों की पहचान की। इनमें दोनों पक्षों के बाजार में पहुंच के मुद्दों को हल करना और कच्चे तेल एवं प्राकृतिक गैस, औषधियां (फार्मास्यूटिकल्स), एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूनिफाईड पेमेंट इंटरफेस-यूपीआई), स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली, बिजली क्षेत्र और नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि तथा खाद्य प्रसंस्करण, परिवहन, रेलवे, विमानन, सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई), विकास तथा शिक्षा आदि जैसे प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग शामिल है। दोनों पक्ष द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को और सुदृढ़ करने के लिए स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली समझौते के शीघ्र सम्पन्न होने पर सहमत हुए। भारत के आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल में भारतीय रिज़र्व बैंक (आईबीआई), आयात निर्यात (एक्सपोर्ट इम्पोर्ट – ईएक्सआईएम) बैंक ऑफ़ इंडिया और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ़ इंडिया (एनपीसीएल) के अधिकारी शामिल थे। दोनों पक्षों के अधिकारी सक्रिय रूप से जेटीसी की कार्यवाही में लगे रहे। चर्चा सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण वातावरण में हुई तथा फलदायी भी रही। अधिक सहयोग, लंबित मुद्दों के समाधान, व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने, लोगों के बीच परस्पर संपर्क बढ़ाने के प्रति उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया भी मिली। द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक ठोस प्रयास के अंतर्गत दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार में बाधा डालने वाले सभी मुद्दों को शीघ्रता से हल करने और दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई। भारतीय उद्योग परिसंघ (चैम्बर ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्रीज –सीआईआई) के नेतृत्व में एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल के साथ आया था जिसमें विद्युत् , आर्थिक प्रौद्योगिकी (फिनटेक), दूरसंचार, विद्युत मशीनरी, औषधि (फार्मास्यूटिकल्स) आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि शामिल थे। भारत-नाइजीरिया संयुक्त व्यापार समिति (जेटीसी) के दूसरे सत्र के विचार-विमर्श सौहार्दपूर्ण और भविष्योन्मुखी थे, जो दोनों देशों के बीच सौहार्दपूर्ण और विशेष संबंध होने का संकेत है। नाइजीरिया अफ्रीका क्षेत्र में भारत का दूसरा सबसे बड़ा एवं प्रमुख व्यापारिक भागीदार है । भारत और नाइजीरिया के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 11.8 अरब (बिलियन) अमेरिकी डॉलर रहा। वर्ष 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार गिरावट का रुख दर्शाने के बाद भी 7.89 अरब (बिलियन) रहा । 27 अरब (बिलियन) अमेरिकी डॉलर के कुल निवेश के साथ, लगभग 135 भारतीय कंपनियां नाइजीरिया के जीवंत बाजार में सक्रिय रूप से लगी हुई हैं। और ये सभी निवेश बुनियादी ढांचे, विनिर्माण, उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं सहित विविध क्षेत्रों में किए गए हैं।

Continue Reading

नई दिल्ली

वित्तवर्ष 2024 में अदाणी पावर का राजस्व 37 फीसदी बढ़ा, कर पूर्व समेकित लाभ दोगुना से ज्यादा

Published

on

नई दिल्ली । अडाणी पावर ने वित्तवर्ष 2024 के लिए राजस्व में 37 प्रतिशत की वृद्धि (साल-दर-साल) 50,960 करोड़ रुपये दर्ज की, जबकि कमाई (ईबीआईटीडीए) दोगुना से अधिक बढ़कर 18,789 करोड़ रुपये हो गई। वित्तवर्ष 2024 के लिए कर पूर्व समेकित लाभ (पीबीटी) पिछले वित्तवर्ष के 7,675 करोड़ रुपये की तुलना में दोगुना से अधिक 20,792 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने एक बयान में कहा, चौथी तिमाही के लिए राजस्व 29 प्रतिशत बढ़कर 13,787 करोड़ रुपये (सालाना) हो गया और कमाई (ईबीआईटीडीए) से अधिक बढ़कर 5,273 करोड़ रुपये हो गया। जनवरी-मार्च अवधि के लिए कर पूर्व समेकित लाभ वित्तवर्ष 23 की चौथी तिमाही में 898 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग चार गुना बढ़कर 3,558 करोड़ रुपये हो गया। अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने कहा कि जैसे- जैसे भारत अधिक टिकाऊ ऊर्जा भविष्य की ओर बढ़ रहा है, “अडाणी कंपनियों का पोर्टफोलियो देश की आर्थिक वृद्धि का समर्थन करने और उसकी आकांक्षाओं को साकार करने में मदद करने के लिए नवीन, विश्वसनीय और स्केलेबल समाधान प्रदान करना जारी रखेगा।” गौतम अदाणी, “अदाणी पावर हमारी दीर्घकालिक रणनीति का एक प्रमुख घटक है, जो देश के विशाल हिस्से में विश्वसनीय बेस लोड बिजली की आपूर्ति करता है, बेंचमार्क-सेटिंग परियोजनाओं को क्रियान्वित करता है, राष्ट्रीय महत्व की संपत्ति बनाता है और अधिक एकीकरण को सक्षम करने के लिए संतुलन आपूर्ति के रूप में कार्य करता है। ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा।” चौथी तिमाही के साथ-साथ वित्तवर्ष 24 के दौरान, मुंद्रा, नए चालू हुए गोड्डा प्लांट, उडुपी और महान के नेतृत्व वाले लगभग सभी संयंत्रों द्वारा उच्च मात्रा में योगदान दिया गया। कंपनी ने कहा कि पूरे भारत में बिजली की बढ़ती मांग के कारण घरेलू बिजली की बिक्री जारी रही और आयातित कोयले व वैकल्पिक ईंधन की गिरती कीमतों से बिजली खरीद समझौते (पीपीए) के तहत उठान को और समर्थन मिला।अदाणी पावर लिमिटेड के सीईओ, एस.बी. ख्यालिया ने कहा, “अदाणी पावर ने अपनी मूल शक्तियों का प्रदर्शन करते हुए एक और उत्कृष्ट तिमाही दर्ज की है, जिसमें एक वर्ष में असाधारण परिचालन और वित्तीय प्रदर्शन रहा है, जो इसकी ठोस रणनीति और परिचालन उत्कृष्टता का एक उपयुक्त प्रमाण है।” बिजली की मांग में सुधार, कम आयातित कोयले की कीमतों और बड़ी स्थापित क्षमता के कारण वित्तवर्ष 2024 में समेकित बिजली बिक्री की मात्रा 79.3 अरब यूनिट थी, जो वित्तवर्ष 23 में 53.4 अरब यूनिट से 48 प्रतिशत अधिक थी। गौतम अदाणी ने कहा, “हम व्यवसायों में निरंतर नवाचार और सभी हितधारकों के लिए स्थायी मूल्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

Continue Reading

नई दिल्ली

भारत और न्यूजीलैंड फार्मा, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों सहित अन्य क्षेत्रों में गहन द्विपक्षीय सहयोग करेंगे

Published

on

11वीं भारत-न्यूजीलैंड संयुक्त व्यापार समिति (जेटीसी) की बैठक न्यूजीलैंड में आयोजित हुई

चर्चा के दौरान सेवा क्षेत्र व्यापार में वृद्धि पर ध्यान केंद्रित किया गया
नई दिल्ली । वाणिज्य सचिव श्री सुनील बर्थवाल के नेतृत्व में 26-27 अप्रैल 2024 न्यूजीलैंड में 11वीं भारत-न्यूजीलैंड संयुक्त व्यापार समिति (जेटीसी) की बैठक द्विपक्षीय आयोजित की गई। बैठक में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया। न्यूजीलैंड का प्रतिनिधित्व वहां के व्यापार मंत्री टॉड मैक्ले ने किया। इस दौरान कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी और न्यूजीलैंड के विदेश मामलों और व्यापार सचिव श्री ब्रुक बैरिंगटन भी मौजूद थे। भारत और न्यूजीलैंड ने दोनों अर्थव्यवस्थाओं और द्विपक्षीय व्यापार और दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने की पर्याप्त संभावनाओं पर चर्चा की। इन बैठकों में द्विपक्षीय व्यापार और सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई प्रमुख क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया गया।

इनमें आर्थिक संबंधों को सुदृढ़ करने और दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने और मौजूदा घनिष्ठ संबंधों तथा व्यावसायिक संपर्कों को सुदृढ़ करने की संभावनाओं पर विचार किया गया। बैठकों में बाजार पहुंच के मुद्दों, आर्थिक सहयोग परियोजनाओं पर प्रगति की समीक्षा की गई और नई पहलों के अवसरों की संभावनाएं खोजी गई। दोनों पक्षों ने मजबूत द्विपक्षीय आर्थिक संवाद जारी रहने और कृषि जैसे क्षेत्रों पर कार्य समूहों के गठन पर चर्चा की। इस दौरान खाद्य प्रसंस्करण, भंडारण एवं परिवहन; प्रमुख व्यापार और आर्थिक मुद्दों पर चल रहे सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए वानिकी और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्रों पर बल दिया गया। चर्चा में बागवानी क्षेत्र में सहयोग प्रमुख रहा, जिसमें कीवी फल क्षेत्र (गुणवत्ता और उत्पादकता, पैक हाउसों में उचित भंडारण और उनके उपयुक्त परिवहन) के साथ-साथ डेयरी क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श हुआ। एक बार कार्य समूह गठित हो जाने के बाद, भारत और न्यूजीलैंड नियमित अंतराल पर उन कार्य समूहों द्वारा की गई प्रगति और उनकी सिफारिशों की समीक्षा करेंगे। बैठकों में आपसी हित के द्विपक्षीय व्यापार मामलों पर चर्चा की गई, जिनमें बाजार पहुंच, गैर-टैरिफ बाधाएं (एनटीबी) और अंगूर, भिंडी और आम जैसे उत्पादों पर स्वच्छता तथा फाइटोसैनिटरी (एसपीएस) उपाय, जैविक में पारस्परिक मान्यता व्यवस्था (एमआरए) से संबंधित मुद्दे शामिल थे। उत्पाद आयात-निर्यात प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सरल बनाने के लिए वाहन घरेलू मानकों की समरूपता की पारस्परिक मान्यता आदि शामिल है। दोनों पक्षों ने मौजूदा तंत्र के तहत रचनात्मक बातचीत और सहयोग के माध्यम से इन मुद्दों को हल करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। विभिन्न स्तरों पर हुई चर्चाओं के दौरान सेवा क्षेत्र और द्विपक्षीय व्यापार के लिए इसके पैमाने को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया, जिसमें आपसी व्यापार के साथ-साथ दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने इसमें काफी रुचि दिखाई दी।

साहसिक पर्यटन, नर्सिंग, टेली-मेडिसिन, शिक्षा, हवाई कनेक्टिविटी, संयुक्त अनुसंधान एवं विकास (जहां भी संभव हो), स्टार्टअप आदि सहित आतिथ्य क्षेत्र पर चर्चा हुई। फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में सहयोग पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें नियामक प्रक्रिया की फास्ट ट्रैकिंग को अपनाना और तुलनीय विदेशी नियामकों की निरीक्षण रिपोर्ट का उपयोग करके विनिर्माण सुविधाओं की गुणवत्ता का मूल्यांकन करना शामिल है। भारत से दवाओं की अधिक सोर्सिंग और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में सहयोग पर भी विस्तार से चर्चा की गई। दोनों पक्षों ने डिजिटल व्यापार, राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान, सीमा पार भुगतान प्रणाली आदि में सहयोग के अवसरों की संभावनाओं पर संक्षेप में चर्चा की। इस दौरान जी20, इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईएफ) और अन्य बहुपक्षीय और बहुपक्षीय संघों जैसे प्लेटफार्मों के भीतर सहकारी भागीदारी और अनिवार्य आर्थिक चुनौतियों और अवसरों को कैसे संबोधित किया जाए, इस पर भी विचार-विमर्श हुआ। दोनों पक्षों ने नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रणाली को बनाए रखने के लिए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।


बैठक इस बात पर सहमति बनी कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच मौजूदा सहयोग को निरंतर बातचीत के जरिये आगे बढ़ाया जा सकता है। इसलिए दोनों पक्षों ने मुद्दों को सुलझाने के लिए सभी स्तरों पर नियमित बैठकें आयोजित करने के साथ-साथ अनछुए क्षेत्रों में सहयोगात्मक और सहकारी गतिविधियों पर काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

Continue Reading

Trending

Copyright © 2024 Chhattisgarh Industrial News.