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एनटीपीसी सीपत में अंतरा क्षेत्रीय (पश्चिम क्षेत्र-2) (आईआरएसएम) फुटबॉल टूर्नामेंट 2024 का बड़े ही उत्साह के साथ हुआ शुभारंभ

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सीपत । अंतरा क्षेत्रीय (पश्चिम क्षेत्र-2) खेलकूद फुटबॉल टूर्नामेंट 2024 का दिनांक 5 मई, 2024 को डॉ. बी. आर अंबेडकर स्टेडियम, एनटीपीसी सीपत में शुभारंभ हुआ। पाँच दिनों तक चलने वाली इस प्रतियोगिता में पश्चिमी क्षेत्र-2 की पांच टीमें अपनी प्रतिभा एवं खेल कौशल का प्रदर्शन कर दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए तैयार है। समारोह की शुरुआत औपचारिक रूप से फीता काटने और छत्तीसगढ़ी गेड़ी नृत्य के साथ हुई, जो सम्मानित अतिथियों को कार्यक्रम स्थल तक ले गए। टूर्नामेंट का उद्घाटन समारोह विजय कृष्ण पाण्डेय, परियोजना प्रमुख सीपत एवं  श्रीमती साधना पाण्डेय, अध्यक्षा, संगवारी महिला समिति, सरित माहेश्वरी, परियोजना प्रमुख, एनटीपीसी कोरबा, और श्रीमती राखी माहेश्वरी, अध्यक्षा, मैत्री महिला समिति कोरबा के मुख्य आतिथ्य में सम्पन्न हुई।

अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्र और टूर्नामेंट के शुभंकर “वीरा” (गौर) को भेंट कर किया गया। इस अवसर पर श्री सुरोजीत सिन्हा, महाप्रबंधक  (प्रचालन) और अध्यक्ष (स्पोर्ट्स काउंसिल), विभागाध्यक्षगण,  संगवारी महिला समिति के पदाधिकारीगण  और यूनियन और एसोसिएशन के सदस्य और नगर परिसर के कर्मचारी एवं उनके परिवारजन उपस्थित रहे। परियोजना प्रमुख एनटीपीसी सीपत द्वारा चैंपियन कप के अनावरण और गुब्बारों को औपचारिक रूप से विमोचन कर आधिकारिक उद्घाटन किया गया। उद्घाटन मैच में सीपत स्ट्राइकर्स ने कोरबा किंग्स के खिलाफ जीत हासिल की और गाडरवारा ग्लेडियेटर्स ने लारा लायंस को हराकर अपनी पहली जीत हासिल की।

नई दिल्ली

मोदी सरकार की नीतियों का असर, महिला बेरोजगारी दर में आई गिरावट

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नई दिल्ली  । देश में जनवरी से मार्च की अवधि के बीच महिला बेरोजगारी दर में बड़ी गिरावट हुई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा गुरुवार को जारी किए गए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफस) से यह जानकारी मिली। आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण में बताया गया कि 2024 की मार्च तिमाही में महिला बेरोजगारी दर घटकर 8.5 प्रतिशत रह गई है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 9.2 प्रतिशत थी। इसके अलावा जनवरी से मार्च के बीच कुल बेरोजगारी दर में भी कमी देखने को मिली है। यह घटकर 6.7 प्रतिशत पर रह गई है, जो पहले 6.8 प्रतिशत थी।जनवरी से मार्च 2024 के बीच श्रम बल भागीदारी दर (एलएफपीआर) बढ़कर 50.2 प्रतिशत हो गई है, जो कि पिछले वर्ष 48.5 प्रतिशत थी। महिला श्रम बल भागीदारी दर 2024 की मार्च तिमाही में बढ़कर 25.6 प्रतिशत हो गई है। पिछले साल मार्च तिमाही में यह 22.7 प्रतिशत थी। शहरी इलाकों में महिला श्रमिक जनसंख्या अनुपात भी 2024 की मार्च तिमाही में बढ़कर 23.4 प्रतिशत हो गया है, जो कि पिछले वर्ष समान अवधि में 20.6 प्रतिशत था। पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार की ओर से महिलाओं की संख्या श्रम भागीदारी में बढ़ाने को लेकर कई कदम उठाए गए हैं। मोदी सरकार द्वारा 2017 में मातृत्व छुट्टी के फायदे को 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दिया गया। वहीं, बच्चा गोद लेने वाली महिलाओं के लिए मातृत्व छुट्टी 12 हफ्तों की कर दी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस समय कहा था कि इस कदम के जरिए सरकार की कोशिश है कि शिशु को जन्म के बाद एक अच्छी देखभाल मिले। 50 से ज्यादा कर्मचारी वाली संस्थाओं के लिए शिशुगृह बनाना अनिवार्य कर दिया गया। साथ ही वर्क फ्रॉम होम का भी प्रावधान सरकार द्वारा किया गया।सरकार ने नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए भी नियमों में बदलाव किया है। अब नाइट शिफ्ट करने वाली महिलाओं को नियोक्ताओं द्वारा पिक-अप और ड्रॉप-ऑफ सुविधा उपलब्ध कराना जरूरी है।

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वाराणसी

काशी की महिलाओं को स्वावलंबी बना रहा अदाणी फाउंडेशन

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वाराणसी ।  वाराणसी जिले के सेवापुरी ब्लॉक के पास महिलाएं मुख्य रूप से गृहिणी हैं, जिन्हें स्वावलंबी बनाना अदाणी फाउंडेशन का लक्ष्य है। अदाणी स्किल डेवलपमेंट सेंटर द्वारा कौशल विकास कार्यक्रम शुरू करने के बाद, इन महिलाओं ने पूरे जोश के साथ प्रशिक्षण में प्रवेश लिया और अगरबत्ती, पैकेजिंग, मार्केटिंग और लॉजिस्टिक्स के निर्माण के सभी पहलुओं को सीखा। वर्तमान में काशी प्रेरणा सक्षम निर्माता कंपनी लिमिटेड विभिन्न मांगों के अनुरूप अगरबत्ती का उत्पादन करती है। यहां लगभग 300 महिलाएं हैं, परियोजना की सफलता प्रत्येक के अथक प्रयासों के कारण है। निवेश, सशक्तिकरण और महिलाओं के जीवन में परिवर्तन अदाणी फाउंडेशन का उद्देश्य है। 2024 में ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को रोजगार योग्य बनाने का लक्ष्य लेकर अदाणी फाउंडेशन इस दिशा में अग्रणी है।अदाणी कौशल विकास केंद्र ने इस वर्ष महिला दिवस संयुक्त राष्ट्र की 2024 थीम “महिलाओं में निवेशः प्रगति में तेजी लाने” को ध्यान में रखते हुए और उससे जुड़ते हुए पूरे भारत में महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए हैं। वाराणसी में अदाणी फाउंडेशन ने अपने मिशन के साथ कौशल विकास और उद्यमिता कार्यक्रम को संरेखित किया। समाज के कमजोर वर्गों के बीच, उनकी जाति, पंथ, रंग की परवाह किए बिना उनको सामाजिक और आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के प्रयास के साथ ग्रुप की फिलोसोफी है ‘अच्छाई के साथ विकास’, जिससे लोगों के जीवन में एक सकारात्मक परिवर्तन आए। वंचित वर्ग के लोगों के लिए फाउंडेशन ने अथक प्रयास किए हैं। चार विशेष व्यापारों में हर तीन महीने पर महिलाओं का कौशल विकास अर्थात्, सिलाई, जूते बनाना, स्वेटर बनाना, धूप और धूपबत्ती बनाने के अदाणी स्किल की विशेष टीम द्वारा 3 महीने के लिए संबंधित व्यापार मे महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा जो महिलाओं को स्वावलंबी तो बना ही रहा, नारी सशक्तीकरण को भी बढ़ावा दे रहा है।ट्रेनिंग हब में कई प्रक्रियाएं अपनाई जा रही हैं जिनमें संवेदीकरण सहित, लामबंदी, और नामांकन प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल महिलाओं का उनकी क्षमता और डोमेन व्यापार में उनके कौशल का विकास किया जा रहा है। अदाणी कौशल विकास केंद्र (सक्षम) अदाणी फाउंडेशन की एक महत्वपूर्ण पहल है, जो सतत आजीविका के घटक सहयोग के तहत चलता हैं। अदाणी फाउंडेशन और राष्ट्रीय कौशल विकास निगम विशेषाधिकार प्राप्त, हाशिए पर, कमजोर सदस्य समाज को पुनर्जीवित करने और उनकी आजीविका को बदलने के लिए एक मंच प्रदान करता है। यह 19 शहरों के 30 केंद्रों में काम कर रहा है जिसने देश में 55 से अधिक व्यावसायिक पाठ्यक्रम शुरू किए हैं जिसने सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों मे 90,000 से अधिक लोगों को लाभान्वित किया है।

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एनटीपीसी लारा में बालिका सशक्तिकरण अभियान का शुभारंभ

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लारा । अखिलेश सिंह, परियोजना प्रमुख (एनटीपीसी लारा) श्रीमती संगीता सिंह, अध्यक्षा, प्रेरिता महिला समिति  द्वारा बालिकाओं का व्यक्तित्व विकास के लिए विशेष रूप से बनाए गए 4 सप्ताह की आवासीय कार्यशाला का शुभारंभ 17 मई 2024 को मैत्री नगर टाउनशिप, एनटीपीसी लारा के तरंग सभागार में किया गया। इस अवसर पर उपस्थित बालिकाओं एवं उनके अभिभावकों को संबोधित करते हुए परियोजना प्रमुख ने कहा रायगढ़ जिले के सर्वगिन विकास के लिए एनटीपीसी लारा प्रयासरत है। बालिका सशक्तिकरण अभियान पर ध्यान केंद्रित करते हुए श्री सिंह ने कहा, एनटीपीसी लारा द्वारा आयोजित किया जा रहा आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम बालिकाओं का व्यक्तित्व विकास पर केन्द्रित एक अनोखा पहल है। यह कार्यक्रम उनके उज्ज्वल भविष्य को आकार देने में मील का पत्थर साबित होगा। जैसे एक कुम्हार कच्ची मिट्टी से घड़ा बनाता है, उसी तरह बचपन में हम बालिकाओं को जैसे प्रशिक्षित करेंगे वह खुद को वैसे ही तैयार करेंङ्गे।



10 से 11 आयु वर्ग की लड़कियों के लिए यह एक विशेष रूप से डिजाइन किया गया प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो की बालिकाओं को आत्मरक्षा, योग, ड्राइंग, पेंटिंग के साथ उनके शैक्षिक पाठ्यक्रम के क्षेत्रों में लगभग एक महीने के आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम से गुजरना होगा। इस दौरान अनुभवी प्रशिक्षक द्वारा नृत्य, संगीत, कला, अभिनय और व्यक्तित्व विकास के बारे में उनको सिखाया जाएगा। एनटीपीसी लारा में आसपास के गांवों की 40 लड़कियों ने इस कार्यक्रम के लिए नामांकन कराया है, जो की 13 जून 2024 तक जारी रहेगी। इस अवसर पर राजीव रंजन, महाप्रबंधक (प्रचालन एवं अनुरक्षण), रवि शंकर, महाप्रबंधक (परियोजना) , जाकिर खान, अपर महाप्रबंधक (मानव संसाधन)। विभाध्यक्षगन, कर्मचारी एवं बच्चों के माता पिता उपस्थित रहे।

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