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बालको की आरोग्य परियोजना के अंतर्गत एड्स जागरूकता अभियान

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बालको नगर, 8 दिसंबर। वेदांता समूह की कंपनी भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) ने ‘परियोजना आरोग्य’ के अंतर्गत एच.आई.व्ही. एड्स के प्रति जागरूकता अभियान आयोजित किया। बालको के अभियान के दायरे में लगभग 50,000 नागरिक शामिल होंगे। जागरूकता कार्यक्रमों में शामिल नागरिकों को एच.आई.व्ही. एड्स और यौन रोगों से बचाव की जानकारी दी जा रही है।
कोरबा जिला के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ .बी.बीबोर्डे ने जिला एड्स नियंत्रण समिति के नोडल अधिकारी डॉ. बी.आर. रात्रे, इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ. अरूण तिवारी, जिला बाल कल्याण समिति की पदाधिकारी श्रीमती मधु पांडेय और बालको के सामुदायिक विकास प्रमुख श्री विवेक सिंह की उपस्थिति में अभियान में शामिल जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर शामिल नागरिकों को एड्स जागरूकता संबंधी पाम्फलेट वितरित किए गए। डॉ. बोर्डे ने वेदांता-बालको संचालित अभियान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि एच.आई.व्ही. एड्स की रोकथाम और जागरूकता की दिशा में बालको की पहल महत्वपूर्ण है। जागरूकता रथ के माध्यम से अनेक शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों को एच.आई.व्ही. एड्स से बचाव संबंधी जानकारी दी जा रही है।
क्या है परियोजना आरोग्य: वेदांता-बालको की आरोग्य परियोजना के अंतर्गत दो वेदांत ग्रामीण चिकित्सालय संचालित हैं। इन चिकित्सालयों के संचालन का उद्देश्य ग्रामीणों को झोला छापनीम-हकीमों से मुक्ति दिलाना है। चलित चिकित्सा शिविर, मौसमी बीमारियों से बचाव और जागरूकता शिविर, मातृ-शिशु स्वास्थ्य जागरूकता अभियान, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ समन्वयन, एच आई व्ही एड्स के प्रतिजागरूकता आदि अनेक ऐसे कार्यक्रम हैं जिनके माध्यम से ग्रामीणों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जाता है। कोरोना से बचाव के लिए ग्रामीणों को सैनिटेशन और सुरक्षा किट वितरित किए गए हैं।
कोविड-19 महामारी की रोकथाम की दिशा में वेदांता- बालको ने जिला प्रशासन के मार्गदर्शन और समन्वयन में कोविड अस्पतालकी स्थापना में मदद की। मास्क और पीपीई निर्माण के माध्यम से महिला स्वसहायता समूहों की सदस्यों के लिए आजीविका के अवसर उपलब्ध कराए। जनप्रतिनिधियों के सहयोग से जरूरतमंदों को सूखा राशन और तैयार भोजन उपलब्ध कराए गए। राज्य और जिला प्रशासन ने कोरोना वाइरस के प्रति जागरूकता की दिशा में वेदांता- बालको संचालित कार्यों की खूब प्रशंसा की है।
वेदांता समूह की कंपनी बालको की ओर से शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, आधार भूतसंरचना विकास, महिला सशक्तिकरण, जैव -निवेश, आजीविका आदि क्षेत्रों में परियोजनाएं क्रियान्वित हैं। परियोजनाओं के दायरे में छत्तीसगढ़ के लगभग 1.50 लाख जरूरतमंद शामिल हैं। 300 स्वसहायता समूहों के माध्यम से लगभग 4000 महिलाओं के स्वावलंबन एवं सशक्तिकरण में मदद मिल रही है। लगभग 500 एकड़ भूमि परकिसान आधुनिक तकनीकों की मदद से खेती कर रहे हैं। वेदांता स्किल्स स्कूल ने छत्तीसगढ़ के लगभग 9000 जरूरतमंद युवाओं को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित कर स्वावलंबी बनने में मदद की है।

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नई दिल्ली

वित्तवर्ष 2024 में अदाणी पावर का राजस्व 37 फीसदी बढ़ा, कर पूर्व समेकित लाभ दोगुना से ज्यादा

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नई दिल्ली । अडाणी पावर ने वित्तवर्ष 2024 के लिए राजस्व में 37 प्रतिशत की वृद्धि (साल-दर-साल) 50,960 करोड़ रुपये दर्ज की, जबकि कमाई (ईबीआईटीडीए) दोगुना से अधिक बढ़कर 18,789 करोड़ रुपये हो गई। वित्तवर्ष 2024 के लिए कर पूर्व समेकित लाभ (पीबीटी) पिछले वित्तवर्ष के 7,675 करोड़ रुपये की तुलना में दोगुना से अधिक 20,792 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने एक बयान में कहा, चौथी तिमाही के लिए राजस्व 29 प्रतिशत बढ़कर 13,787 करोड़ रुपये (सालाना) हो गया और कमाई (ईबीआईटीडीए) से अधिक बढ़कर 5,273 करोड़ रुपये हो गया। जनवरी-मार्च अवधि के लिए कर पूर्व समेकित लाभ वित्तवर्ष 23 की चौथी तिमाही में 898 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग चार गुना बढ़कर 3,558 करोड़ रुपये हो गया। अदाणी समूह के अध्यक्ष गौतम अदाणी ने कहा कि जैसे- जैसे भारत अधिक टिकाऊ ऊर्जा भविष्य की ओर बढ़ रहा है, “अडाणी कंपनियों का पोर्टफोलियो देश की आर्थिक वृद्धि का समर्थन करने और उसकी आकांक्षाओं को साकार करने में मदद करने के लिए नवीन, विश्वसनीय और स्केलेबल समाधान प्रदान करना जारी रखेगा।” गौतम अदाणी, “अदाणी पावर हमारी दीर्घकालिक रणनीति का एक प्रमुख घटक है, जो देश के विशाल हिस्से में विश्वसनीय बेस लोड बिजली की आपूर्ति करता है, बेंचमार्क-सेटिंग परियोजनाओं को क्रियान्वित करता है, राष्ट्रीय महत्व की संपत्ति बनाता है और अधिक एकीकरण को सक्षम करने के लिए संतुलन आपूर्ति के रूप में कार्य करता है। ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा।” चौथी तिमाही के साथ-साथ वित्तवर्ष 24 के दौरान, मुंद्रा, नए चालू हुए गोड्डा प्लांट, उडुपी और महान के नेतृत्व वाले लगभग सभी संयंत्रों द्वारा उच्च मात्रा में योगदान दिया गया। कंपनी ने कहा कि पूरे भारत में बिजली की बढ़ती मांग के कारण घरेलू बिजली की बिक्री जारी रही और आयातित कोयले व वैकल्पिक ईंधन की गिरती कीमतों से बिजली खरीद समझौते (पीपीए) के तहत उठान को और समर्थन मिला।अदाणी पावर लिमिटेड के सीईओ, एस.बी. ख्यालिया ने कहा, “अदाणी पावर ने अपनी मूल शक्तियों का प्रदर्शन करते हुए एक और उत्कृष्ट तिमाही दर्ज की है, जिसमें एक वर्ष में असाधारण परिचालन और वित्तीय प्रदर्शन रहा है, जो इसकी ठोस रणनीति और परिचालन उत्कृष्टता का एक उपयुक्त प्रमाण है।” बिजली की मांग में सुधार, कम आयातित कोयले की कीमतों और बड़ी स्थापित क्षमता के कारण वित्तवर्ष 2024 में समेकित बिजली बिक्री की मात्रा 79.3 अरब यूनिट थी, जो वित्तवर्ष 23 में 53.4 अरब यूनिट से 48 प्रतिशत अधिक थी। गौतम अदाणी ने कहा, “हम व्यवसायों में निरंतर नवाचार और सभी हितधारकों के लिए स्थायी मूल्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

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नई दिल्ली

भारत और न्यूजीलैंड फार्मा, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों सहित अन्य क्षेत्रों में गहन द्विपक्षीय सहयोग करेंगे

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11वीं भारत-न्यूजीलैंड संयुक्त व्यापार समिति (जेटीसी) की बैठक न्यूजीलैंड में आयोजित हुई

चर्चा के दौरान सेवा क्षेत्र व्यापार में वृद्धि पर ध्यान केंद्रित किया गया
नई दिल्ली । वाणिज्य सचिव श्री सुनील बर्थवाल के नेतृत्व में 26-27 अप्रैल 2024 न्यूजीलैंड में 11वीं भारत-न्यूजीलैंड संयुक्त व्यापार समिति (जेटीसी) की बैठक द्विपक्षीय आयोजित की गई। बैठक में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने भाग लिया। न्यूजीलैंड का प्रतिनिधित्व वहां के व्यापार मंत्री टॉड मैक्ले ने किया। इस दौरान कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी और न्यूजीलैंड के विदेश मामलों और व्यापार सचिव श्री ब्रुक बैरिंगटन भी मौजूद थे। भारत और न्यूजीलैंड ने दोनों अर्थव्यवस्थाओं और द्विपक्षीय व्यापार और दोनों देशों के लोगों के बीच आपसी संपर्क बढ़ाने की पर्याप्त संभावनाओं पर चर्चा की। इन बैठकों में द्विपक्षीय व्यापार और सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई प्रमुख क्षेत्रों पर विचार-विमर्श किया गया।

इनमें आर्थिक संबंधों को सुदृढ़ करने और दोनों देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने और मौजूदा घनिष्ठ संबंधों तथा व्यावसायिक संपर्कों को सुदृढ़ करने की संभावनाओं पर विचार किया गया। बैठकों में बाजार पहुंच के मुद्दों, आर्थिक सहयोग परियोजनाओं पर प्रगति की समीक्षा की गई और नई पहलों के अवसरों की संभावनाएं खोजी गई। दोनों पक्षों ने मजबूत द्विपक्षीय आर्थिक संवाद जारी रहने और कृषि जैसे क्षेत्रों पर कार्य समूहों के गठन पर चर्चा की। इस दौरान खाद्य प्रसंस्करण, भंडारण एवं परिवहन; प्रमुख व्यापार और आर्थिक मुद्दों पर चल रहे सहयोग को सुविधाजनक बनाने के लिए वानिकी और फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्रों पर बल दिया गया। चर्चा में बागवानी क्षेत्र में सहयोग प्रमुख रहा, जिसमें कीवी फल क्षेत्र (गुणवत्ता और उत्पादकता, पैक हाउसों में उचित भंडारण और उनके उपयुक्त परिवहन) के साथ-साथ डेयरी क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर भी विचार-विमर्श हुआ। एक बार कार्य समूह गठित हो जाने के बाद, भारत और न्यूजीलैंड नियमित अंतराल पर उन कार्य समूहों द्वारा की गई प्रगति और उनकी सिफारिशों की समीक्षा करेंगे। बैठकों में आपसी हित के द्विपक्षीय व्यापार मामलों पर चर्चा की गई, जिनमें बाजार पहुंच, गैर-टैरिफ बाधाएं (एनटीबी) और अंगूर, भिंडी और आम जैसे उत्पादों पर स्वच्छता तथा फाइटोसैनिटरी (एसपीएस) उपाय, जैविक में पारस्परिक मान्यता व्यवस्था (एमआरए) से संबंधित मुद्दे शामिल थे। उत्पाद आयात-निर्यात प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए सरल बनाने के लिए वाहन घरेलू मानकों की समरूपता की पारस्परिक मान्यता आदि शामिल है। दोनों पक्षों ने मौजूदा तंत्र के तहत रचनात्मक बातचीत और सहयोग के माध्यम से इन मुद्दों को हल करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। विभिन्न स्तरों पर हुई चर्चाओं के दौरान सेवा क्षेत्र और द्विपक्षीय व्यापार के लिए इसके पैमाने को बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया, जिसमें आपसी व्यापार के साथ-साथ दोनों देशों के बीच संपर्क बढ़ाने पर चर्चा हुई। दोनों देशों ने इसमें काफी रुचि दिखाई दी।

साहसिक पर्यटन, नर्सिंग, टेली-मेडिसिन, शिक्षा, हवाई कनेक्टिविटी, संयुक्त अनुसंधान एवं विकास (जहां भी संभव हो), स्टार्टअप आदि सहित आतिथ्य क्षेत्र पर चर्चा हुई। फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरणों के क्षेत्र में सहयोग पर विस्तार से चर्चा की गई, जिसमें नियामक प्रक्रिया की फास्ट ट्रैकिंग को अपनाना और तुलनीय विदेशी नियामकों की निरीक्षण रिपोर्ट का उपयोग करके विनिर्माण सुविधाओं की गुणवत्ता का मूल्यांकन करना शामिल है। भारत से दवाओं की अधिक सोर्सिंग और चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में सहयोग पर भी विस्तार से चर्चा की गई। दोनों पक्षों ने डिजिटल व्यापार, राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान, सीमा पार भुगतान प्रणाली आदि में सहयोग के अवसरों की संभावनाओं पर संक्षेप में चर्चा की। इस दौरान जी20, इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी (आईपीईएफ) और अन्य बहुपक्षीय और बहुपक्षीय संघों जैसे प्लेटफार्मों के भीतर सहकारी भागीदारी और अनिवार्य आर्थिक चुनौतियों और अवसरों को कैसे संबोधित किया जाए, इस पर भी विचार-विमर्श हुआ। दोनों पक्षों ने नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रणाली को बनाए रखने के लिए विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।


बैठक इस बात पर सहमति बनी कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच मौजूदा सहयोग को निरंतर बातचीत के जरिये आगे बढ़ाया जा सकता है। इसलिए दोनों पक्षों ने मुद्दों को सुलझाने के लिए सभी स्तरों पर नियमित बैठकें आयोजित करने के साथ-साथ अनछुए क्षेत्रों में सहयोगात्मक और सहकारी गतिविधियों पर काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

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नई दिल्ली

पिछले वर्ष की तुलना में अप्रैल में कोयला उत्पादन में 7.41 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई

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नई दिल्ली । अप्रैल 2024 में भारत का कोयला उत्पादन 78.69 मीट्रिक टन (अनंतिम) तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.41 प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ 73.26 मीट्रिक टन था। अप्रैल 2024 के दौरान, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने 61.78 मीट्रिक टन (अनंतिम) का कोयला उत्पादन किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 7.31 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। यह 57.57 मीट्रिक टन था। इसके अतिरिक्त, अप्रैल 2024 में कैप्टिव/अन्य द्वारा कोयला उत्पादन 11.43 मीट्रिक टन (अनंतिम) था, जो पिछले वर्ष से 12.99 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है और यह 10.12 मीट्रिक टन था। अप्रैल 2024 में भारत का कोयला प्रेषण 85.10 मीट्रिक टन (अनंतिम) तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 6.07 प्रतिशत अधिक है, जब यह 80.23 मीट्रिक टन दर्ज किया गया था। अप्रैल 2024 के दौरान, कोल इंडिया लिमिटेड ने 64.26 मीट्रिक टन (अनंतिम) कोयला भेजा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 3.18 प्रतिशत की वृद्धि है और यह 62.28 मीट्रिक टन था। अप्रैल में कैप्टिव/अन्य द्वारा कोयला प्रेषण 15.16 मीट्रिक टन (अनंतिम) दर्ज किया गया, जो पिछले वर्ष से 26.90 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है यह 11.95 मीट्रिक टन था।

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