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बालको अस्पताल आयोजित शिविर में नागरिकों ने किया रक्तदान

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बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री विकास शर्मा ने किया रक्तदाताओं की हौसला अफजाई।

बालकोनगर, 18 जून। विष्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर बालको अस्पताल ने जिला स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से रक्तदान शिविर आयोजित किया। बालको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री विकास शर्मा ने षिविर में रक्तदान करने वाले नागरिकों की हौसला अफजाई की और उन्हें प्रमाण पत्र प्रदान किए।

श्री शर्मा ने बड़ी संख्या में रक्तदाताओं की भागीदारी और लोगों के बीच रक्तदान के प्रति जागरूकता में बढ़ोत्तरी पर खुषी जताई। उन्होंने कहा कि सड़कों पर वाहनों के दबाव और दुर्घटनाओं के बढ़ते आंकड़ों की दृष्टि से रक्तदान का महत्व बढ़ गया है। जरूरतमंदों को आपातकाल में रक्त देकर उनके जीवन की रक्षा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि रक्तदान महादान है। कार्यक्रम में मौजूद इंदिरा गांधी जिला चिकित्सालय, कोरबा के ब्लड बैंक प्रभारी श्री जी.एस. जात्रा ने बताया कि रक्तदान को लेकर लोगों के बीच अनेक तरह की भ्रांतियां हैं। उन्होंने कहा कि रक्तदान से पूर्व खून और रक्तदाता के स्वास्थ्य की जांच की जाती है। स्वस्थ व्यक्ति से ही रक्त लिया जाता है। श्री जात्रा ने यह भी बताया कि रक्तदान से शरीर से पुराना रक्त निकल जाता है और स्वस्थ रक्त कोषिकाएं शरीर में 24 घंटे में बन जाती हैं। रक्तदान से अनेक बीमारियों के होने की आषंका नहीं रहती। कोरबा के सी.एम.एच.ओ. श्री बी.बी. बोडे और सिविल सर्जन श्री रमन तिवारी ने वृहद रक्तदान शिविर के आयोजन के लिए बालको अस्पताल को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। रक्तदान षिविर में बालको अस्पताल के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एस.पी. पांडेय, औद्योगिक स्वास्थ्य, सुरक्षा एवं पर्यावरण महाप्रबंधक श्री कृष्णा व्ही. कुलकर्णी, मानव संसाधन (प्रोसेस) प्रमुख श्री श्रीधर कलावाला, बालको के कंपनी संवाद एवं सी.एस.आर. प्रमुख श्री आशीष रंजन, मानव संसाधन सह महाप्रबंधक श्री गजेंद्र सिंह राजावत, सामुदायिक विकास प्रबंधक श्री विवेक सिंह और जिला एड्स नियंत्रण समिति की समन्वयक श्रीमती वीणा मिस्त्री मौजूद थीं।

शिविर के आयोजन में जिला एड्स एवं क्षय रोग नियंत्रण अधिकारी डॉ. आर.पी.एस. पैकरा, लैब तकनीशियन श्री संतोष सिंह, श्री सुशील मिरी, श्री अरूण कंवर, श्री रविकांत राठौर, श्री अर्जुन दास, सुश्री गीता पटेल, सुश्री उमा कर्ष और सुश्री मधु राठौर ने प्रशंसनीय योगदान दिया।

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नई दिल्ली

जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों के अधिकारों पर हैंडबुक जारी की

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नई दिल्ली । भारत में ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों के अधिकारों पर हैंडबुक का अनावरण सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी ने ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति प्रो. (डॉ.) सी. राज कुमार और ट्रांस जस्टिस आंदोलन के हितधारकों व कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में किया। यह हैंडबुक जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल में लॉ एंड मार्जिनलाइजेशन क्लिनिक, सेंटर फॉर जस्टिस, लॉ एंड सोसाइटी (सीजेएलएस) द्वारा प्रोफेसर दीपिका जैन और नताशा अग्रवाल की देखरेख में “ट्रांस जस्टिस एंड द लॉ क्लिनिक” नामक क्लिनिकल कोर्स के हिस्से के रूप में ट्रांसमेन कलेक्टिव, ईगल और फेमिनिस्ट फ़्यूचर के सहयोग से तैयार की गई है।कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सांता बारबरा की पहल, हैंडबुक ट्रांसजेंडर व्यक्तियों (अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम, 2019 को उजागर करती है और ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों को उनके संवैधानिक और वैधानिक अधिकारों का दावा करने के लिए सशक्त बनाने का प्रयास करती है। न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी (पूर्व न्यायाधीश, सुप्रीम कोर्ट) ने विशेष संबोधन में हैंडबुक के महत्व पर जोर दिया और 2014 में राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण बनाम भारत संघ में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लिखने और सुनाने के अपने अनुभवों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा : “हम फैसले से लेकर अधिनियम और अब इस हैंडबुक जैसे संसाधनों तक एक लंबा सफर तय कर चुके हैं जो समुदाय को उनके अधिकारों का एहसास करने और भारत के संविधान के वादों को पूरा करने में मदद करेगा।”

न्यायमूर्ति सीकरी ने न केवल न्यायशास्त्रीय दृष्टिकोण से, बल्कि समाज के भीतर सम्मान और प्रतिष्ठा सुनिश्चित करने के लिए भी पहचान का महत्व समझाया।प्रो. (डॉ.) सी. राज कुमार (संस्थापक कुलपति, ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी) ने स्वागत भाषण में नैदानिक कानूनी शिक्षा के लिए जेजीयू की प्रतिबद्धता पर जोर दिया और टिप्पणी की कि “कानून स्कूलों के लिए सामाजिक न्याय आंदोलन के साथ जुड़ाव सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है।”

उन्होंने एक ऐसी हैंडबुक विकसित करने के लिए आवश्यक बौद्धिक कठोरता और सहयोगात्मक दृष्टिकोण पर भी जोर दिया जो व्यापक, सुलभ हो और जिसका उपयोग कार्यकर्ताओं व समुदाय के सदस्यों द्वारा जमीन पर किया जा सके।

हैंडबुक का परिचय देते हुए दीपिका जैन, लॉ की प्रोफेसर, वाइस डीन, निदेशक, लॉ एंड मार्जिनलाइजेशन क्लिनिक, सेंटर फॉर जस्टिस, लॉ एंड सोसाइटी, जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल और नताशा अग्रवाल, क्लिनिकल असिस्टेंट प्रोफेसर ऑफ लॉ, जिंदल ग्लोबल लॉ स्कूल ने बताया कि लॉ एंड मार्जिनलाइज़ेशन क्लिनिक का काम अंतर्संबंध और समुदाय-केंद्रित दृष्टिकोण पर आधारित है।

प्रत्येक नैदानिक परियोजना का उद्देश्य और परिणाम ट्रांस मूवमेंट के साथियों द्वारा तैयार किया जाता है।हैंडबुक कोई अपवाद नहीं है, क्योंकि ट्रांस आंदोलन के दोस्तों ने एक ऐसे संसाधन की जरूरत पर जोर दिया है, जो ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम को व्यापक रूप से विखंडित करता है।

उन्होंने ट्रांस, विविध लिंग और इंटरसेक्स समुदायों के सदस्यों के प्रति भी आभार जताया, जिन्होंने परामर्शात्मक प्रक्रियाओं और समीक्षाओं के माध्यम से अपनी विशेषज्ञता और प्रतिक्रिया की पेशकश की।

हैंडबुक ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम, ट्रांसजेंडर व्यक्ति नियम, सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न उच्च न्यायालयों के प्रासंगिक निर्णयों के साथ-साथ राज्य-विशिष्ट कल्याण योजनाओं के प्रावधानों को उजागर करती है।

ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों के लिए :

विशेष रूप से, हैंडबुक किसी व्यक्ति की लिंग पहचान को दर्शाने वाले पहचान दस्तावेजों को प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाती है और शिक्षा, रोजगार व स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों के अधिकारों की व्याख्या करती है।

हैंडबुक यह प्रदर्शित करने के लिए काल्पनिक परिदृश्यों का उपयोग करती है कि कैसे एक ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्ति कानून के तहत अपने अधिकारों का दावा कर

सकता है।इसके अलावा, ये काल्पनिक बातें दलित, बहुजन, आदिवासी और मुस्लिम व्यक्तियों व विकलांग व्यक्तियों सहित सामाजिक-राजनीतिक और भौगोलिक संदर्भों में व्यक्तियों द्वारा सामना की जाने वाली अद्वितीय बाधाओं का वर्णन करती हैं।

यह हैंडबुक भारत भर में जमीनी स्तर पर काम करने वाले कार्यकर्ताओं और संगठनों के साथ-साथ ट्रांसजेंडर और विविध लिंग व्यक्तियों के कानूनी सशक्तीरण के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण होगी।

लॉन्च इवेंट में माधवी गोराडिया दीवान (वरिष्ठ वकील, सुप्रीम कोर्ट), अक्कई पद्मशाली (सामाजिक कार्यकर्ता और ओन्डेडे के संस्थापक), नू मिश्रा (संस्थापक, रिवाइवल डिसेबिलिटी इंडिया) और ऋत्विक दत्ता (पत्रकार, बीबीसी) के साथ एक पैनल चर्चा भी हुई।

पैनल का संचालन डॉ. अक्सा शेख (सामुदायिक चिकित्सा के प्रोफेसर, ह्यूमन सॉलिडेरिटी फाउंडेशन के संस्थापक) ने किया।

अधिवक्ता माधवी दीवान ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों पर चर्चा की और सकारात्मक कार्रवाई व प्रक्रियात्मक की कमी को ध्यान में रखते हुए कानून की कुछ सीमाओं पर चर्चा की।ट्रांसजेंडर व्यक्तियों के लिए पहचान पत्र प्राप्त करने में जटिलताएं :

ऋत्विक दत्ता ने ट्रांसजेंडर व्यक्ति अधिनियम के तहत कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन पर भी बात की, विशेष रूप से पूर्वोत्तर भारत में स्माइल योजना के कार्यान्वयन की कमी को ध्यान में रखते हुए। इसी तरह, अक्कई पद्मशाली ने जारी किए गए पहचान पत्रों की सीमित संख्या की ओर इशारा किया, जिसके परिणामस्वरूप मतदान के लिए पंजीकरण कराने वाले ट्रांसजेंडर व्यक्तियों की संख्या पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। डॉ. अक्सा शेख और नू मिश्रा ने हैंडबुक के मूल्य और महत्व पर जोर दिया। विशेष रूप से नू मिश्रा ने दृश्य तत्वों और कलाकृति के समावेश की सराहना की, यह देखते हुए कि कला अक्सर कार्यकर्ताओं के बीच वकालत का एक उपकरण है। डॉ. अक्सा ने उन तरीकों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें हैंडबुक जीवित अनुभवों से ली गई है और इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि कानून कैसे बनता है। विशेष रूप से, नू मिश्रा ने दृश्य तत्वों और कलाकृति के समावेश की सराहना की, यह देखते हुए कि कला अक्सर कार्यकर्ताओं के बीच वकालत का एक उपकरण है। ↑डॉ. अक्सा ने उन तरीकों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें हैंडबुक जीवित अनुभवों से ली गई है और इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि इनमें से प्रत्येक स्थिति में कानून का उपयोग कैसे किया जा सकता है।

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नई दिल्ली

भारत और ऑस्ट्रेलिया सहयोगी परियोजनाओं के लिए मिलकर काम करने के साथ ही बाजार पहुंच के मुद्दों को समय पर हल करेंगे तथा  लोगों के बीच परस्पर संपर्क को गहरा करेंगे एवं प्राथमिकता वाले  आयात डेटा साझा करने के लिए संस्थागत तंत्र बनाएंगे और चल रही समग्र आर्थिक सहयोग समझौता (सीईसीए) वार्ताओं के परिणामोन्मुख सफल समापन के लिए नवीन क्षेत्रों पर काम करेंगे

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नई दिल्ली । ऑस्ट्रेलिया ओशिनिया क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण व्यापारिक भागीदार हैI भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच वाणिज्यिक व्यापार 2023-24 में लगभग 24 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचा है, जो आगे भी विकास की महत्वपूर्ण संभावना का संकेत देता है। इस हेतु संयुक्त समिति की बैठक दोनों देशों के लिए व्यापार संबंधों को और सुदृढ़ करने एवं व्यापार सुविधा, निवेश प्रोत्साहन के साथ ही प्रौद्योगिकी के समर्थन सहित अन्य क्षेत्रों में सहयोग जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग के नए अवसरों की खोज करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करती है। वाणिज्य सचिव श्री सुनील बर्थवाल के नेतृत्व में एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने सिडनी और मेलबोर्न में व्यापार के साथ ही दोनों अर्थव्यवस्थाओं में विद्यमान व्यापार पूरकताओं और विशेषज्ञता तथा अज्ञात संभावनाओं का लाभ उठाने के उद्देश्य से केनबरा में विदेश मामलों और व्यापार विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ़ फॉरेन अफेयर्स एंड  ट्रेड -डीएफएटी) के उप सचिव श्री जॉर्ज मीना के नेतृत्व में ऑस्ट्रेलियाई प्रतिनिधिमंडल के साथ विभिन्न व्यापार और संभावित निवेश संबंधी मुद्दों पर बहुत रचनात्मक एवं सार्थक  चर्चा की ।

भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (इंड-ऑस्ट्रेलिया इकॉनोमिक कोऑपरेशन एंड ट्रेड एग्रीमेंट-ईसीटीए) के अंतर्गत  पहली संयुक्त समिति की बैठक (जेसीएम) में  दोनों पक्षों ने ईसीटीए के सुचारु कार्यान्वयन को स्वीकार करते हुए जैविक उत्पादों पर परस्पर मान्यता प्रबन्धन (म्यूचुअल रिकग्निशन एरेंजमेंट–एमआरए) सहित भिंडी, अनार, अंगूर, पनीर, मैकाडामिया नट्स, दाल और एवोकैडो जैसे उत्पादों से संबंधित बाजार पहुंच के मुद्दे, टैरिफ दर कोटा (टीआरक्यू) की व्यवस्था, विशेष रूप से जेनरिक औषधियों पर ऑस्ट्रेलिया में औषधि (फार्मास्युटिकल) मूल्य निर्धारण नियंत्रण, व्हिस्की और वाइन पर नियामक चुनौतियों को संबोधित करने के उद्देश्य से कार्य समूह द्वारा की गई प्रगति और त्तथा ईसीटीए उप-समिति की बैठकों के परिणामों के साथ ही समय पर समाधान के लिए उनकी नियमित बैठकों की आवश्यकता और इन उत्पादों के व्यापार को बढ़ावा देने त्तथा तटीय पर्यटन, महत्वपूर्ण खनिजों  सहित पारस्परिक हित के क्षेत्र और भारत में झींगा और केकड़ों के लिए रोग-मुक्त क्षेत्र स्थापित करने के लिए सहयोग हेतु आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (ईसीटीए) के कार्यान्वयन मुद्दों पर संक्षेप में विवरण दिया। जेसीएम ने संयुक्त समिति के लिए प्रक्रिया के नियमों को भी अपनाया और मासिक आधार पर प्राथमिकता वाले आयात डेटा के नियमित आदान-प्रदान के उद्देश्य से मुक्त व्यापार समझौते (फ्री ट्रेड एग्रीमेंट –एफटीए) के लिए अपनी तरह का पहला संस्थागत तंत्र स्थापित किया। इसमें विशेष रूप से स्टार्ट-अप पर निवेश को बढ़ावा देने के लिए आगामी मुख्य कार्कारी अधिकारी मंच (सीईओ फोरम) कार्यक्रम के लिए एकीकृत दृष्टिकोण पर भी संक्षेप में विचार-विमर्श किया गया।

जेसीएम बैठक में कुछ महत्वपूर्ण सेवा मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिसमें सीमा पार ई-भुगतान की सुविधा के लिए भारत के अनुरोध और नर्सिंग और दंत चिकित्सा जैसे व्यवसायों में पारस्परिक मान्यता समझौतों पर विचार शामिल है। इसके अलावा, ब्रिटेन (यूके) -ऑस्ट्रेलिया मुक्त व्यापार समझौते के अनुरूप ईएनटी/एलएमटी आवश्यकता को हटाने की प्रतिबद्धता दोहराई गई, साथ ही दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य कर्मियों के आवागमन को सुविधाजनक बनाने एवं टेली-मेडिसिन को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने पर भी चर्चा की गई। कुल मिलाकर, संयुक्त समिति की बैठक (जेसीएम) ने ठोस और पारस्परिक रूप से लाभप्रद आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों की प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जिससे दोनों देशों के लिए सहयोग और समृद्धि में वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा। भारत-ऑस्ट्रेलिया समग्र आर्थिक सहयोग समझौता (कम्प्रिहेंसिव इकॉनोमिक कोऑपरेशन एग्रीमेंट–सीईसीए) वार्ता के अंतर्गत नौ दौर के बाद हुई प्रगति की समीक्षा करने और इसके पूरा होने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए वाणिज्य विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ़ कॉमर्स –डीओसी) से अतिरिक्त सचिव श्री राजेश अग्रवाल और विदेश मामलों और व्यापार विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ़ फॉरेन अफेयर्स एंड  ट्रेड -डीएफएटी) से सहायक सचिव श्री रवि केवलराम के बीच दोनों पक्षों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए, भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (इंड-ऑस्ट्रेलिया इकॉनोमिक कोऑपरेशन एंड ट्रेड एग्रीमेंट- ईसीटीए) की उपलब्धियों के आधार पर एक संतुलित परिणाम पर पहुंचने के लिए मुख्य वार्ताकार स्तर पर भी चर्चा हुई। इसने अर्थव्यवस्थाओं के गहन एकीकरण के लिए एफटीए के पारंपरिक दृष्टिकोण से परे जाकर विभिन्न क्षेत्रों में प्रभावी सहयोग के क्षेत्रों का भी पता लगाया।

बैठक में विश्व व्यापार संगठन (वर्ल्ड ट्रेड आर्गेनाईजेशन) के मुद्दों पर भी चर्चा हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने वाणिज्य सचिव की सराहना करते हुए सार्वजनिक स्टॉक होल्डिंग (पीएसएच) के स्थायी समाधान के लंबे समय से लंबित मुद्दे के शीघ्र समाधान के लिए ऑस्ट्रेलिया के समर्थन के महत्व को स्पष्ट किया। ऑस्ट्रेलिया ने सेवाओं के लिए घरेलू समर्थन की बहुपक्षीय व्यवस्था के लिए भारत से समर्थन मांगा। दोनों पक्ष आवश्यकता पड़ने पर इन मामलों पर अंतर-सत्रीय (इन्टरसेशन्ली) चर्चा करने पर भी सहमत हुए। सिडनी और मेलबर्न में भारत ऑस्ट्रेलिया व्यापार परिषद (ऑस्ट्रेलिया इंडिया बिजनेस काउंसिल) और व्यापर परिसंघ (चैंबर्स ऑफ कॉमर्स) के साथ-साथ भारतीय उद्योग परिसंघ (चैम्बर ऑफ़ इन्फिंन इंडस्ट्रीज –सीआईआई) सहित व्यवसायों और व्यापारिक संगठनों के साथ बैठकें करके आपसी हित के क्षेत्रों का पता लगाया गया। यह स्पष्ट था कि वर्तमान  क्षमता को देखते हुए, व्यवसायी संगठन   क्षमता निर्माण और व्यावसायिक प्रशिक्षण, कौशल अंतराल मानचित्रण अभ्यास के माध्यम से कुशल पेशेवरों और देखभाल करने वालों जैसे स्वास्थ्य देखभाल श्रमिकों, नर्सों आदि को काम पर रखने, मानकों की पारस्परिक मान्यता की आवश्यकता, महत्वपूर्ण खनिजों, सीमा पार भुगतान प्रणाली, वित्त, शिक्षा, कृषि, डेयरी और खाद्य प्रसंस्करण, परिवहन और भंडारण, खेल, औषधि क्षेत्र (फार्मास्यूटिकल्स), सिलिकॉन वेफर्स, अंतरिक्ष, चिकित्सा उपकरण आदि सहित डिजिटल सम्पर्क (कनेक्टिविटी) पर सहयोग सहित एक साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं।

कुल मिलाकर, इन बैठकों से दोनों पक्षों के व्यवसायों एवं सरकारों की कड़ी मेहनत करने और रणनीतिक साझेदारी को एक नए स्तर पर ले जाने के लिए नया समन्वयन करने की अत्यधिक उत्सुकता का पता चला, जिससे व्यवसायों और नागरिकों को महत्वपूर्ण लाभ हो सके।

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Bilaspur

सतर्कता निरीक्षण अभियान के दूसरे दिन, एसईसीएल सीवीओ पहुंचे रायगढ़ क्षेत्र कोयला स्टॉक, साइलो, साइडिंग, आईटी उपायों का किया वृहत निरीक्षण

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बिलासपुर । एसईसीएल सतर्कता विभाग द्वारा चलाए जा रहे सतर्कता जागरूकता अभियान के दूसरे दिन आज 04 अप्रैल 2024 को सीवीओ जयंत कुमार खमारी रायगढ़ क्षेत्र पहुंचे। दौरे के दौरान वे रायगढ़ क्षेत्र की छाल ओसीएम गए जहां उन्होने खदान में सभी जगह जाकर कोयला स्टॉक की जांच की। वे साईडिंग तथा साइलो भी गए तथा कोयला डिस्पैच गतिविधियों की समीक्षा की।

छाल खदान के उपरांत खमारी धरम खदान भी गए जहां उन्होने डी1 एवं डी2 स्टॉक का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कोयला मंत्रालय के दिशा-निर्देशन में यह अभियान देश भर में कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों में चलाया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य के कोयला उत्पादन, भंडारण, एवं प्रेषण गतिविधियों को और सुदृढ़ बनाते हुए उनमें पारदर्शिता लाना है जिससे गुड गवर्नेंस को बढ़ावा मिले।

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