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नई दिल्ली

खान मंत्रालय द्वारा प्रदर्शन के संकेतकों पर चर्चा करने और उन्हें अंतिम रूप देने के लिए आयोजित राज्यर खनन सूचकांक कार्यशाला में 26 राज्यों ने भाग लिया

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नई दिल्ली ।  खान मंत्रालय ने यहां राज्य खनन सूचकांक पर एक दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। यह कार्यशाला भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-भारतीय खान विद्यापीठ (आईआईटी-आईएसएम), धनबाद की सहभागिता से आयोजित की गई। यह सूचकांक खनन क्षेत्र के हितधारकों के लिए एक राज्य के भीतर खनन व्यवसाय करने में आसानी से संबंधित विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए एक उपकरण के रूप में कार्य करेगा।

कार्यशाला की अध्यक्षता खान मंत्रालय के सचिव वी.एल. कांथा राव ने की। अपने संबोधन में श्री राव ने खनन क्षेत्र के विकास में राज्यों के प्रयासों को नीति रूपरेखा में उचित रूप से प्रतिबिंबित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने राज्य खनन सूचकांक के महत्व पर बल देते हुए कहा कि यह सहकारी संघवाद के साथ-साथ राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा। इस अभ्यास को सफल बनाने में राज्यों की सक्रिय भागीदारी को महत्वपूर्ण बताते हुए उन्होंने राज्यों से अनुरोध किया कि वे समय पर सांख्यिकीय रिटर्न ठीक से जमा करके डेटा संग्रह प्रयासों में मदद करें। कार्यशाला में केंद्र और राज्य सरकारों के नीति निर्माताओं, प्रशासकों और अभ्यासकर्ताओं को एक मंच प्रदान किया गया। 26 राज्यों के प्रधान सचिवों, निदेशकों और अन्य अधिकारियों ने प्रदर्शन के संकेतकों और उप-संकेतकों पर चर्चा करने और उन्हें अंतिम रूप देने के लिए कार्यशाला में सक्रिय रूप से भाग लिया, जो सूचकांक ढांचे और कार्यप्रणाली का हिस्सा हैं। राज्यों से परामर्श और फीडबैक के बाद, राज्य खनन सूचकांक की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जाएगा और अप्रैल 2025 में होने वाली वास्तविक रैंकिंग के लिए जुलाई 2024 में जारी किया जाएगा।

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नई दिल्ली

गेल ने वित्त वर्ष 2024 में 1,30,638 करोड़ रुपए के वार्षिक राजस्व, कर पूर्व लाभ 11,555 करोड़ रुपए (75% की बढ़ोतरी) और कर पश्चात लाभ 8,836 करोड़ रुपए (67% की बढ़ोतरी) की रिपोर्ट दर्ज किया

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नई दिल्ली । गेल (इंडिया) लिमिटेड ने वित्त वर्ष 2024 में रु.11,555 का कर पूर्व लाभ (पीबीटी) रिपोर्ट किया, जो वित्त वर्ष 2023 में रु. 6,584 करोड़ से 75% अधिक है। वित्त वर्ष 2024 में 8,836 करोड़ रुपए का कर पश्चात लाभ (पीएटी) हुआ जो वित्त वर्ष 2023 में 5,302 करोड़ रुपए की तुलना में 67% अधिक है, जबकि प्रचालनों से राजस्व वित्त वर्ष 2024 में 1,30,638 करोड़ रुपए हुआ जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 1,44,302 करोड़ रुपए था।

तिमाही दर तिमाही के आधार पर वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 32,335 करोड़ रुपए का प्रचालनों से राजस्व दर्ज किया गया जो वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में 34,254 करोड़ रुपए था। कर पूर्व लाभ वित्त वर्ष 2024 के चौथी तिमाही में 2,842 करोड़ रुपए हुआ, जबकि वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में यह 3,694 करोड़ रुपए था। वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में कर पश्चात लाभ 2,177 करोड़ रुपए हुआ जो वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में 2,843 करोड़ रुपए था।

वर्ष के दौरान प्राकृतिक गैस संचरण की मात्रा 12% की वृद्धि के साथ 120.46 एमएमएससीएमडी दर्ज की गई जबकि यह वित्त वर्ष 2023 में 107.28 एमएमएससीएमडी थी। वित्त वर्ष 2024 में गैस विपणन की मात्रा 98.45 एमएमएससीएमडी रही जो वित्त वर्ष 2023 में 94.91 एमएमएससीएमडी थी। एलएचसी की बिक्री पिछले वर्ष के 929 टीएमटी की तुलना में 7% की वृद्धि के साथ 998 टीएमटी दर्ज की गई और पॉलिमर की बिक्री 399 टीएमटी की तुलना में 97% वृद्धि के साथ 787 टीएमटी दर्ज की गई।

तिमाही के दौरान वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में प्राकृतिक गैस संचरण की मात्रा 123.65 एमएमएससीएमडी रही जबकि वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में यह 121.54 एमएमएससीएमडी थी। गैस विपणन की मात्रा 99.90 एमएमएससीएमडी रही जबकि पिछली तिमाही में यह 98.14 एमएमएससीएमडी थी। एलएचसी की बिक्री पिछले वर्ष के 249 टीएमटी की तुलना में 5% की वृद्धि के साथ 261 टीएमटी दर्ज की गई और पॉलिमर की बिक्री 215 टीएमटी की तुलना में 13% वृद्धि के साथ 242 टीएमटी दर्ज की गई।

समेकित आधार पर प्रचालनों से राजस्व वित्त वर्ष 2024 में 1,33,500 करोड़ रूपए रहा जो वित्त वर्ष 2023 के दौरान 1,45,875 करोड़ रुपए था। वित्त वर्ष 2024 में कर पूर्व लाभ 12,595 करोड़ रूपए रहा (74% वृद्धि के साथ) जो वित्त वर्ष 2023 में 7,256 करोड़ था। कर पश्चात लाभ (गैर-नियंत्रित ब्याज़ को छोड़कर) वित्त वर्ष 2024 में 9,899 करोड़ रुपए (76% वृद्धि के साथ) रहा जो वित्त वर्ष 2023 में 5,616 करोड़ था। तिमाही आधार पर प्रचालनों से समेकित राजस्व वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 32,833 करोड़ रहा, जबकि वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में यह 34,768 करोड़ रुपए था। कर पूर्व लाभ वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 3,099 करोड़ रुपए रहा जबकि वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में यह 4,075 करोड़ रुपए था। कर पश्चात लाभ (गैर-नियंत्रित ब्याज़ को छोड़कर) वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 2,469 करोड़ रुपए रहा, जबकि वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में यह 3,195 करोड़ रुपए था।

संदीप कुमार गुप्ता, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, गेल ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 के दौरान बेहतर कार्य निष्पादन से पेट्रोकेमिकल्स और तरल हाइड्रो-कार्बन में कम कीमतों के बावजूद सभी प्रमुख क्षेत्रों में मुख्यतः बेहतर वास्तविक निष्पादन से प्रेरित है । उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 के दौरान 11,426 करोड़ रुपए का पूंजीगत व्यय किया है।

उन्होंने यह भी कहा कि गेल के बोर्ड ने 32 महीने की कमीशनिंग अवधि के साथ 1,792 करोड़ रुपये की अनुमानित परियोजना लागत वाली विजयपुर से औरैया तक सी2/सी3 तरल पाइपलाइन बिछाने के लिए स्वीकृति प्रदान की है। यह परियोजना पाता पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स में अतिरिक्त पॉलिमर उत्पादन के साथ फीडस्टॉक उपलब्धता को बढ़ाएगी तथा ऊर्जा की खपत और कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगी।

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नई दिल्ली

गेल ने नव निर्मित एलएनजी वाहक के लिए कूलको के साथ 14-वर्षीय टाइम चार्टर पर हस्‍ताक्षर किया

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नई दिल्ली । अपने एलएनजी वाहक के क्षेत्र में विस्तार की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए, गेल (इंडिया) लिमिटेड ने कूलको कंपनी लिमिटेड (एनवाईएसई: सीएलसीओ / सीएलसीओ.ओएल, “कूलको”), नवनिर्मित एलएनजी वाहक के लिए पूर्ण रूप से एलएनजी शिपिंग कंपनी के साथ 14-वर्षीय की टाइम चार्टर पार्टी पर हस्‍ताक्षर किया है । एलएनजी वाहक के लिए टाइम चार्टर वर्ष 2025 के आरम्‍भ में लागू होगा और गेल के पास कंपनी की 14 वर्ष की अवधि के बाद दो अतिरिक्त वर्षों तक चार्टर का विस्तार करने का विकल्प होगा । गेल के पास वर्तमान में चार एलएनजी वाहक हैं । कूलको के साथ टाइम चार्टर समझौते पर अपने संबोधन के दौरान, एस बैरागी, गेल के कार्यकारी निदेशक (विपणन – शिपिंग एवं अंतर्राष्ट्रीय एलएनजी) ने कहा, “भारत में प्राकृतिक गैस की बढ़ती मांग और बड़े पैमाने पर आवश्‍यकताओं को पूरा करने के लिए गेल अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं के रूप में एलएनजी वाहक की डिलीवरी संबंधी कार्य करने के लिए उत्सुक है ।”  रिचर्ड टायरेल, कूलको के सीईओ ने कहा कि “हमें गेल, जो एलएनजी के लिए सबसे अधिक विकास वाले बाजारों में एक अग्रणी गैस कंपनी है, उनके साथ एक दीर्घकालिक चार्टर की घोषणा करते हुए प्रसन्‍नता हो रही है । इस नवनिर्मित एलएनजी वाहक के अग्रणी प्रौद्योगिकी और सर्वश्रेष्ठ आर्थिक तथा पर्यावरणीय निष्‍पादन ने आगामी कई वर्षों के लिए अत्यधिक कुशल और लागत प्रभावी रूप से स्वच्छ – ज्‍वलनशील एलएनजी परिवहन में गेल की क्षमता को सुरक्षित कर दिया है ।

गेल (इंडिया) लिमिटेड के बारे में:

गेल (इंडिया) लिमिटेड, एक महारत्‍न पीएसयू, भारत की अग्रणी प्राकृतिक गैस कंपनी है जिसकी प्राकृतिक गैस मूल्य श्रृंखला के व्यापार, ट्रांसमिशन, एलएनजी का उत्पादन एवं ट्रांसमिशन, एलएनजी शिपिंग, एलएनजी री-गैसीफिकेशन, पेट्रोकेमिकल्स, शहर गैस, ईएंडपी आदि के क्षेत्र में विविध हित है । यह देश के सभी भागों में फैले लगभग 16,200 किलोमीटर लंबे प्राकृतिक गैस पाइपलाइन नेटवर्क का स्वामित्व और प्रचालन का कार्य करता है । यह पाइपलाइन के और अधिक विस्‍तार हेतु विविध पाइपलाइन परियोजनाओं के निष्पादन पर समवर्ती रूप से कार्य भी कर रहा है । गेल का गैस ट्रांसमिशन में 70% बाजार हिस्सेदारी है और भारत में 50% से अधिक गैस ट्रेडिंग की हिस्सेदारी है । शहर गैस वितरण में भी गेल और इसकी सहायक कंपनियों/संयुक्त उद्यमों की सुदृढ़ बाजार हिस्सेदारी है । द्रवीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) बाजार में गेल का पोर्टफोलियो काफ़ी बड़ा है । गेल सौर, पवन और जैव ईंधन जैसी नवीकरणीय ऊर्जा में भी अपना विस्‍तार कर रहा है । गेल के बारे में अधिक जानकारी हेतु gailonline.com देखें ।

कूलको के बारे में:

कूलको मुख्‍य रूप से एक एलएनजी कैरियर है, जिसके पास छोटी और लंबी अवधि के चार्टर्स का एक संतुलित पोर्टफोलियो है, जिसका नकदी प्रवाह आम शेयरधारकों के लिए कंपनी के त्रैमासिक लाभांश का आधार है । वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में वितरित होने वाले दो नए निर्माणों से निर्मित और वित्त पोषित वृद्धि के अलावा, कूलको की रणनीति में जहाज अधिग्रहण के अवसरों के मूल्यांकन और एक खंडित बाजार क्षेत्र में संभावित समेकन शामिल है । अपने इन-हाउस वेज़ल मैनेजमेंट प्लेटफॉर्म के माध्यम से, कूलको तीसरे पक्षों को अपनी सेवाएं प्रदान करने के अलावा विश्‍व की कई अग्रणी कंपनियों के लिए अपने एलएनजी परिवहन और अवसंरचना की परिसंपत्तियों का प्रबंधन और प्रचालन का कार्य करता है । कूलको को पूर्वी प्रशांत शिपिंग और उसके सहयोगियों के पैमाने और विस्‍तार से लाभ मिलता है, जिसमें कूलको का सबसे बड़ा शेयरधारक और विश्‍व के सबसे बड़े स्वतंत्र शिपिंग क्षेत्र के स्‍वामी शामिल है, जो शिपयार्ड, वित्तीय संस्थानों और डीलफ्लो को एक्‍सेस करने के संबंध में कंपनी की रणनीतिक स्थिति को मजबूत करता है । कूलको विश्‍व की डीकार्बोनाइजेशन और ऊर्जा सुरक्षा आवश्‍यकताओं का समर्थन करता है और उसने वर्ष 2019 और 2030 के बीच 35% के क्षेत्र-व्यापी सुधार लक्ष्य के रूप में, अपने एलएनजीई अपग्रेड कार्यक्रम के माध्यम से अपने उत्सर्जन को 10-15% तक कम करने का लक्ष्‍य निर्धारित किया है ।

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नई दिल्ली

सुशील शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने स्वच्छता के प्रति कर्मचारियों की प्रतिबद्धता के लिए स्वच्छता प्रतिज्ञा का नेतृत्व किया।

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नई दिल्ली । एसजेवीएन दिनांक 16 से 31 मई, 2024 तक अपनी समस्‍त परियोजनाओं एवं कार्यालयों में स्वच्छता पखवाड़ा-2024 मना रहा है।  सुशील शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने आज संपर्क कार्यालय, नई दिल्ली में कर्मचारियों को स्वच्छता की शपथ दिलाई।  इस अवसर पर अखिलेश्वर सिंह, निदेशक, (वित्त) और प्रेम प्रकाश, मुख्‍य सतर्कता अधिकारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।  यह एसजेवीएन में स्वच्छ और हरित वातावरण बनाए रखने के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करने वाले स्वच्छता पखवाड़े के प्रारंभ का प्रतीक है।  स्वच्छता की शपथ एसजेवीएन कारपोरेट मुख्‍यालय, शिमला और हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, बिहार, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, असम और अरुणाचल प्रदेश में स्थित 22 अन्य स्थानों/परियोजनाओं में भी दिलाई गई।  सुशील शर्मा ने स्वच्छ एवं स्वस्थ समाज को बनाए रखने में व्यक्तिगत उत्‍तरदायित्‍व के महत्व पर बल दिया।  उन्होंने कर्मचारियों को कार्यस्थल और उसके आस-पास स्वच्छता पहल में सक्रिय रूप से योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया। एसजेवीएन में वर्ष 2016 से स्वच्छता पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कर्मचारियों द्वारा स्थानीय समुदायों के सहयोग से स्वच्छता अभियान, जागरूकता कार्यक्रम आदि जैसी विभिन्न पहलों में भाग लिया जाता है।  इस वर्ष संगठन के कार्य क्षेत्र से संबंधित संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र में गहन स्वच्छता प्रयासों को सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। एसजेवीएन की स्वच्छता पखवाड़ा कार्य योजना, 2024 में प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर स्वच्छता अभियान, कार्यालय कैंटीन के अपशिष्‍ट की बायो कंपोस्टिंग, एसजेवीएन कर्मचारियों द्वारा आसपास के क्षेत्रों में स्वच्छता अभियान में श्रमदान, प्लास्टिक के उपयोग को समाप्‍त करने और पर्यावरण के अनुकूल सामग्री के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विशेष जागरूकता अभियान, कार्यालय अपशिष्ट पेपर रिसाईकलिंग तंत्र की स्थापना, सामुदायिक पौधारोपण अभियान आदि शामिल है। इसमें विभिन्न राज्यों में एसजेवीएन परियोजनाओं के समीप नदियों का सफाई अभियान, कार्यशालाओं, स्वच्छता प्रदर्शनियों, विशेषज्ञ वार्ता और नुक्कड़ नाटकों का आयोजन,  वर्मीकंपोस्टिंग के साथ-साथ ठोस एवं तरल पदार्थ-पृथक्करण प्रक्रिया आधारित अपशिष्ट प्रबंधन (एसएलडब्ल्यूएम) जैसी सुविधाओं का विशेष अभियान भी शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि एसजेवीएन को वर्ष 2018, 2022 एवं वर्ष 2023 के दौरान भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय द्वारा प्रतिष्ठित स्वच्छता पखवाड़ा अवार्ड के तहत प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

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