बालकोनगर, 26 सितंबर। ‘‘देश के विकास में एल्यूमिनियम उद्योग की भागीदारी महत्वपूर्ण है। भारत सरकार की मेक इन इंडिया, 100 स्मार्ट सिटीज, 100 एएमआरयूटी सिटीज, बिजली की 24 घंटे निर्बाध आपूर्ति, 100 फीसदी ग्रामीण विद्युतीकरण, घरेलू अंतरिक्ष कार्यक्रम, 100 गीगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता प्राप्त करने जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं को अमलीजामा पहनाने और राष्ट्र को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ी भूमिका निभाने के लिए एल्यूमिनियम सेक्टर के पास पर्याप्त क्षमताएं मौजूद हैं।’’ ये उद्गार भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं निदेशक श्री अभिजीत पति ने 24वें अंतरराष्ट्रीय नॉन फेरस मेटल्स-2020 वेबीनार में व्यक्त किए। वेबीनार में एल्यूमिनियम उद्योग के अनेक विशेषज्ञ मौजूद थे।
‘‘भारत में एल्यूमिनियम उद्योग का भविष्य’’ विषय पर आयोजित सत्र में श्री पति ने एल्यूमिनियम उद्योग की चुनौतियों और देश के विकास में एल्यूमिनियम धातु की भूमिका पर अपने विचार रखे। श्री पति ने कहा कि भारत के पास दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कोयला और पांचवा सबसे बड़ा बॉक्साइट भंडार है। इन संसाधनों के उत्कृष्ट प्रबंधन से देश को दुनिया में सबसे कम उत्पादन लागत वाले एल्यूमिनियम उत्पादक के तौर पर स्थापित करना संभव है। एल्यूमिनियम धातु की गुणवत्ता बरकरार रखते हुए इसे बार-बार रिसाइकल किया जा सकता है जिससे इसे ‘ग्रीन मेटल’ भी कहा जाता है।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्टील के बाद एल्यूमिनियम धातु का बड़ा योगदान है। कार्बन फुटप्रिंट कम करने की वैश्विक कटिबद्धता की दृष्टि से भी एल्यूमिनियम महत्वपूर्ण है। देश में आठ लाख से अधिक लोग रोजगार के लिए प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से एल्यूमिनियम सेक्टर से जुड़े हैं वहीं 4000 से अधिक डाउनस्ट्रीम उद्योग निरंतर विकसित हो रहे हैं। वैमानिकी, प्रतिरक्षा, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिसिटी, निर्माण, पैकेजिंग आदि अनेक उद्योगों में एल्यूमिनियम का प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जाता है।
श्री पति ने कहा कि दुनिया के विकसित देशों में एल्यूमिनियम की खपत अधिक होती है। भारत में प्रति व्यक्ति खपत ढाई किलोग्राम के स्तर पर है वहीं वैश्विक औसत 11 किलोग्राम प्रति व्यक्ति है। चीन में प्रति व्यक्ति 25 किलोग्राम की खपत होती है। कम खपत के बावजूद देश के सकल घरेलू उत्पाद में एल्यूमिनियम का योगदान 2 प्रतिशत है। देश ने वर्ष 2022 तक सकल घरेलू उत्पाद में निर्माण सेक्टर का योगदान 25 फीसदी तक ले जाने का जो विजन तैयार किया है उस दिशा में देश के एल्यूमिनियम उद्योग का योगदान अहम है।
वर्तमान में देश में बॉक्साइट का उत्पादन 22 मिलियन टन प्रति वर्ष होता है जबकि मांग 26 मिलियन टन प्रति वर्ष की है। विस्तार परियोजनाओं से यह मांग प्रति वर्ष 55 मिलियन टन तक पहुंचने की संभावना है। बॉक्साइट खान नीलामी प्रक्रिया को अधिक युक्तिसंगत बनाने और बॉक्साइट की खोज में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने से देश के बॉक्साइट उत्पादन में बढ़ोत्तरी की जा सकती है।
श्री पति ने बताया कि चीन, मध्यपूर्व, रूस, कनाडा, नार्वे, आइलैंड जैसी दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने एल्यूमिनियम धातु को दीर्घकालिक रणनीतिक महत्व के धातु के तौर पर वगीकृत किया है। ये देश अपने घरेलू उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बनाए रखने के लिए अनेक सब्सिडी उपलब्ध कराते हैं। उनके लिए कच्चे माल और सस्ती ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है। ऋण और कर ढांचे को एल्यूमिनियम उद्योग के निरंतर विकास के अनुकूल बनाया जाता है। आज देश में ऐसा माहौल तैयार किए जाने की जरूरत है जिससे घरेलू एल्यूमिनियम उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बनाए रखने और आयात घटने की दिशा में मदद मिल सके। यह भी जरूरी है कि एल्यूमिनियम उद्योग के लिए बॉक्साइट और कोयले की पर्याप्त आपूति सुनिश्चित हो। विभिन्न प्रकार की कर दरों को युक्तिसंगत बनाया जाए।
वर्तमान में देश में एल्यूमिनियम की मांग प्रति वर्ष लगभग 4 मिलियन टन है जबकि घरेलू एल्यूमिनियम उद्योगों की कुल उत्पादन क्षमता 4.1 मिलियन टन प्रति वर्ष है। घरेलू उद्योग आसानी से देश की एल्यूमिनियम की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। बावजूद इसके देश की कुल जरूरत का 60 प्रतिशत एल्यूमिनियम आयात किया जाता है। प्राइमरी एल्यूमिनियम और स्क्रैप के मामले में देश पर्याप्त रूप से सक्षम है फिर भी भारत में स्क्रैप का 100 फीसदी आयात किया जाता है। इससे घरेलू उद्योगों की भागीदारी कमजोर होती है।
ट्रेड वार के कारण भारत एल्यूमिनियम और स्क्रैप का डंपिंग केंद्र बन गया है। अमेरिका और चीन ने अपने हितों के अनुरूप कर ढांचा तैयार किया है। आयात पर अमेरिका 10 फीसदी का शुल्क लगाता है जबकि अमेरिका से आयातित एल्यूमिनियम पर चीन में 25 फीसदी का शुल्क लिया जाता है। आज जरूरत इस बात की है कि रिसाइकलिंग उद्योग को अधिक व्यवस्थित बनाएं और एल्यूमिनियम उत्पादों और स्क्रैप के आयात में कमी करें। इसके साथ आयात शुल्क में बढ़ोत्तरी करने की आवश्यकता है। गुणवत्ता, पर्यावरण और सुरक्षा के नजरिए से सख्त बीआईएस मानक तैयार किए जाने की जरूरत है ताकि गुणवत्ताविहीन आयात को हतोत्साहित किया जा सके।
वर्तमान में एल्यूमिनियम उत्पादन लागत का 15 से 17 फीसदी शुल्क लिया जाता है। एल्यूमिनियम का निर्यात बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य द्वारा लिए जाने वाले करों की दरों को अधिक युक्तिसंगत बनाने की जरूरत है। नीति आयोग और खान मंत्रालय की अनुशंसा के मुताबिक एल्यूमिनियम उद्योग को कोर उद्योग के तौर पर वर्गीकृत कर और राष्ट्रीय एल्यूमिनियम नीति तैयार कर अनेक चुनौतियों से निपटा जा सकता है।
कैप्टिव पावर प्लांट वाले उद्योगों के लिए कोयले का आबंटन बड़ी चुनौती है। वर्तमान में सीपीपी के लिए मिलने वाले कोयले के लिए आईपीपी के मुकाबले 20 फीसदी अधिक कीमत चुकानी पड़ती है। कई बार सीपीपी को मिलने वाले कोयले की आपूर्ति पर अस्थायी रोक लगा दी जाती है। इसके कारण उत्पादन लागत में काफी बढ़ोत्तरी हो जाती है। ऑक्शन लिंकेज के लिए कोयला मंत्रालय के परिपत्र के अनुसार एल्यूमिनियम जैसे उद्योगों के लिए प्रीफरेंशियल कोल लिंकेज ऑक्शन और ब्लॉक आबंटन की नीति से इस समस्या से निजात मिल सकती है। इसके साथ ही पावर सेक्टर के लिए 75 फीसदी और नान पावर सेक्टर के लिए 25 फीसदी की दर से रैक के माध्यम से कोयले की आपूर्ति की जा सकती है।
कोयले की ढुलाई में रैक की कमी भी लागत बढ़ने की दिशा में बड़ा कारण है। नान पावर सेक्टर में कोयले की दरों में अतिरिक्त प्रीमियम न हो। यदि कोयले के परिवहन के लिए रैक उपलब्ध न हो तब परिवहन की प्रकृति रेलवे से सड़क मार्ग किए जाने पर भी अतिरिक्त प्रीमियम का प्रावधान समाप्त होना चाहिए। एल्यूमिनियम की ढुलाई के लिए डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर के विकास तथा रैक का प्राथमिकता के साथ आबंटन सुनिश्चित हो। रेलवे के प्रीफरेंशियल ट्रैफिक ऑर्डर में एल्यूमिनियम उद्योग को ‘डी’ श्रेणी से ‘सी’ श्रेणी में वर्गीकृत किया जाना चाहिए।
श्री पति ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी को युक्तिसंगत बनाने की आवश्यकता है। देश के कुल उत्पादन का 75 फीसदी एल्यूमिनियम का उत्पादन करने वाले राज्य उड़ीसा में इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी 30 पैसा प्रति किलोवॉट से बढ़कर 55 पैसा प्रति किलोवॉट के स्तर पर पहुंच गया है। इसे 30 पैसा प्रति किलोवॉट के मूल स्तर पर ले जाने की जरूरत है। सीपीसीबी के उत्सर्जन मानदंडों के अनुसार फ्लू गैस डीसल्फ्यूराइजेशन (एफजीडी) की स्थापना पर बड़ा निवेश होता है। ऐसे सीपीपी जो प्रचालन में हैं उन्हें सरकार एफजीडी की स्थापना के लिए क्लीन एनर्जी सेस के कोष में से सहयोग दे सकती है। एफजीडी की स्थापना के लिए आवश्यक उपकरणों के आयात शुल्क में छूट देकर भी लागत में कटौती की जा सकती है।
कोरबा । एनटीपीसी कोरबा के बाल भवन ने 28 अप्रैल 2024 को अपना वार्षिक दिवस समारोह धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि सरित माहेश्वरी, परियोजना प्रमुख, एनटीपीसी कोरबा और श्रीमती राखी माहेश्वरी, अध्यक्ष, मैत्री महिला समिति ने गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति में दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। बाल भवन की प्रभारी श्रीमती मीता भट्टाचार्य ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया और बाल भवन, एनटीपीसी कोरबा के 33वें वार्षिक दिवस समारोह में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों का गर्मजोशी से स्वागत किया। बाल भवन की महासचिव श्रीमती सरिता सिंह ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। वार्षिक दिवस पर बाल भवन के बच्चों द्वारा रंग-बिरंगे परिधानों, नाटक, मधुर संगीत और जीवंत नृत्यों की धूम रही।’धरोहर’ में गणेश वंदना, कार्टून नृत्य और कथक जैसी कई नृत्य प्रस्तुतियां दी गईं। कार्यक्रम में बच्चों की बड़ी भागीदारी के साथ कुछ आकर्षक आंतरिक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी देखने को मिलीं, जिसने शाम को बेहद खास और मनोरंजक बना दिया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण राम कथा रही, जिसमें युवा कलाकारों ने विभिन्न पात्रों का चित्रण किया तथा भगवान राम के जन्म से लेकर रावण वध के पश्चात अयोध्या लौटने तक की कथा प्रस्तुत की। राम कथा के संपूर्ण प्रदर्शन में व्यक्ति के कर्तव्यों, अधिकारों तथा सामाजिक उत्तरदायित्वों पर प्रतीकात्मक रूप से चर्चा की गई। इसमें आदर्श पात्रों के माध्यम से धर्म तथा धार्मिक जीवन को दर्शाया गया। धरोहर ने एक अद्भुत समृद्ध तथा अत्यंत आकर्षक प्रदर्शन पर जोर दिया। न केवल दर्शकों का मनोरंजन किया गया, बल्कि हमें भारतीय नृत्य के माध्यम से व्यक्त की गई राम कथा के प्रतीकात्मक प्रतिनिधित्व के बारे में भी शिक्षित किया गया। मैत्री महिला समिति की अध्यक्ष श्रीमती राखी माहेश्वरी ने भव्य कार्यक्रम के आयोजन में योगदान के लिए सदस्यों के प्रति आभार तथा धन्यवाद व्यक्त किया। सरित माहेश्वरी, परियोजना प्रमुख, एनटीपीसी कोरबा ने अभिनंदन भाषण में बाल भवन विंग को वार्षिक दिवस पर उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बधाई दी तथा आने वाले दिनों के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर अर्नब मैत्रा, जीएम (ओएंडएम), एस.पी. सिंह, जीएम (एफएम), सोमनाथ भट्टाचार्य, जीएम (मेंटेनेंस), एम.वी. साठे, जीएम (एडीएम) और शशि शेखर, एजीएम (एचआर) उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान एनटीपीसी कोरबा के सभी वरिष्ठ और महिला क्लब के सदस्य, परिवार और कर्मचारी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का समापन पुरस्कार वितरण के साथ हुआ। बाल भवन विंग का वार्षिक दिवस समारोह एक शानदार सफलता थी और मेहमानों और शुभचिंतकों द्वारा इसकी बहुत सराहना की गई।
एनटीपीसी कोरबा । एक मई एनटीपीसी कोरबा के प्लांट परिसर में स्वीप टीम तथा एनटीपीसी कोरबा ने संयुक्त रूप से मतदाता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कलेक्टर तथा ज़िला निर्वाचन अधिकारी, अजीत वसंत, सीईओ ज़िला पंचायत, संबित मिश्रा, आयुक्त नगर निगम, सुश्री प्रतिष्ठा मामगाई तथा जिला प्रशासन के अन्य पदाधिकारी उपस्थित रहे।
परियोजना प्रमुख सरित माहेश्वरी ने कलेक्टर तथा ज़िला निर्वाचन अधिकारी, अजीत वसंत का स्वागत करते हुए कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। इस कार्यक्रम के माध्यम से मतदाताओं को जागरूक करने का प्रयास किया गया जिससे वे अपने मताधिकारी का प्रयोग अवश्य करें। इस अवसर पर कलेक्टर तथा ज़िला निर्वाचन अधिकारी, अजीत वसंत ने समस्त उपस्थितजनों को मतदान करने की शपथ दिलाई । इस अवसर पर परियोजना प्रमुख सरित माहेश्वरी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि मतदान से ही देश की दशा और दिशा बदलेगी । हम सभी को बढ़चढ़ कर मतदान करना है इसके लिए भारत सरकार ने आपको उस दिन का अवकाश भी दिया है ताकि आप अपने मत का प्रयोग अवश्य करें । इस कार्यक्रम में एनटीपीसी कोरबा के सभी कर्मचारियों, सीआईएसएफ, ठेकेदारों, संविदा श्रमिकों और यूनियन एंड असोशिएशन के काफी संख्या में लोगों ने भागीदारी रही । इस अवसर पर एनटीपीसी कोरबा के पाँच आदर्श मतदान केंद्रो पर सभी मतधारियों को अपना मत देने के लिए जागरूक किया गया।
“मतदान लोकतंत्र की ऊर्जा है,” यह कहते हुए कलेक्टर तथा ज़िला निर्वाचन अधिकारी, अजीत वसंत ने इस अवसर कोरबा लोकसभा क्षेत्र के सभी मतदाताओं को मतदान करने के लिए प्रेरित किया। उन्होने सभी पात्र नागरिकों को मतदान करने और चुनाव के दौरान निर्णय लेने के लिए प्रोत्साहित किया। संविधान में निहित अधिकारों का पालन करते हुए, सभी लोग अपना वोट डालें तथा भारत के मजबूत लोकतंत्र के निर्माण करने की अपील की। एनटीपीसी कोरबा में आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभागियों, जो नागरिक और मतदाता हैं, को चुनावी प्रक्रिया के बारे में शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया ताकि चुनावी प्रक्रियाओं में उनकी जागरूकता और भागीदारी बढ़ाई जा सके। आयुक्त नगर निगम, सुश्री प्रतिष्ठा मामगाई ने भी सभी उपस्थितजनों से मतदान हेतु अपील किया । इसी सत्र में सीईओ ज़िला पंचायत, संबित मिश्रा ने “voting turnout percentage” को बढ़ाने का भी लक्ष्य रखते हुए सबको मतदान करने का अपील किया।
सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा ने कंपनी के नाम, नमक एवं निशान के प्रति हमेशा समर्पित रहने का किया आह्वान
खनिक श्रमवीर हुए पुरस्कृत
बिलासपुर । एसईसीएल वसंत विहार स्थित रविन्द्र भवन के टैगोर हाल में खनिक दिवस का आयोजन अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डा. प्रेम सागर मिश्रा के मुख्य आतिथ्य, निदेशक (वित्त) जी. श्रीनिवासन , निदेशक तकनीकी (संचालन) एस.एन. कापरी, मुख्य सतर्कता अधिकारी जयंत कुमार खमारी, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एन. फ्रेंकलिन जयकुमार, निदेशक (कार्मिक) बिरंची दास, पूर्व निदेशक तकनीकी एन.के. सिंह, सी.एल. श्रीवास्तव, पूर्व निदेशक (कार्मिक) के.के. श्रीवास्तव, एसईसीएल संचालन समिति के हऱिद्वार सिंह (एटक), बीएम मनोहर (सीटू), एके पाण्डेय (सीएमओएआई) के विशिष्ट आतिथ्य, एसईसीएल सुरक्षा समिति के सर्वश्री आनंद मिश्रा (एचएमएस), बी. धर्माराव (एटक), संजय सिंह (बीएमएस), कमलेश शर्मा (एसईकेएमसी), इन्द्रदेव चैहान (सीटू), जीएम प्रसाद (सीएमओएआई), सिस्टा अध्यक्ष एआर सिदार, सिस्टा महासचिव आर.पी. खाण्डे, कौंसिल अध्यक्ष ओपी नवरंग, कौंसिल महासचिव ए विश्वास, अध्यक्ष ओबीसी एसोसिएशन अनिरूद्ध कुमार चन्द्रा, श्रद्धा महिला मण्डल की अध्यक्षा श्रीमती पूनम मिश्रा उपाध्यक्षागण श्रीमती राजी श्रीनिवासन, श्रीमती संगीता कापरी, श्रीमती सुजाता खमारी, श्रीमती अनीता फ्रेंकलिन एवं अन्य सम्माननीय सदस्याओं, क्षेत्रीय मुख्य महाप्रबंधकों/महाप्रबंधकों, विभागाध्यक्षों, विभिन्न श्रमसंघ प्रतिनिधियों, अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति में किया गया ।
प्रारंभ में मुख्य अतिथि द्वारा ध्वजारोहण किया गया उपरांत खनिक प्रतिमा पर माल्यार्पण मुख्य अतिथि एवं समस्त अतिथियों द्वारा किया गया उपरांत मुख्य अतिथि तथा मंचस्थ अतिथियों द्वारा दीप-प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की शुरूआत की गयी। इसके पश्चात कोलइण्डिया कारपोरेट गीत बजाया गया एवं शहीद श्रमवीरों के सम्मान में समस्त उपस्थितों द्वारा दो मिनट का मौन रखा गया । संकल्प का पठन अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डा. प्रेम सागर मिश्रा द्वारा किया गया जिसे समस्त उपस्थितों ने दोहराया उपरांत मंचस्थ अतिथियों, विशिष्ट अतिथियों, कल्याण मण्डल, त्रिपक्षीय सुरक्षा समिति, सिस्टा के सदस्यों का पुष्पहार, शाल, श्रीफल से सम्मान किया गया । स्वागत उद्बोधन महाप्रबंधक (विक्रय/विपणन) सीबी सिंह ने प्रस्तुत किया ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डा. प्रेम सागर मिश्रा ने सभी उपस्थितों को खनिक दिवस की बधाई देते हुए कहा कि हम सभी को हमारी कंपनी एसईसीएल के नाम, नमक और निशान के प्रति सदैव समर्पित रहते हुए इसकी उन्नति के लिए लिए अनवरत श्रम करते रहना है। उन्होने कहा कि एसईसीएल की सफलता किसी एक व्यक्ति या एक दिन की मेहनत का फल नहीं है बल्कि यह हमारे श्रमवीरों के कई वर्षों के अनुभव, परिश्रम एवं समर्पण का प्रतिफल है।
विशिष्ट अतिथि निदेशक निदेशक (वित्त) जी. श्रीनिवासन , निदेशक तकनीकी (संचालन) एस.एन. कापरी, मुख्य सतर्कता अधिकारी जयंत कुमार खमारी, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना), एन. फ्रेंकलिन जयकुमार, निदेशक (कार्मिक), बिरंची दास, ने अपने उद्बोधन में कहा कि सीएमडी डॉ प्रेम सागर मिश्रा कि आगुवाई में पिछले दो वर्षों में कंपनी एतेहासिक उत्पादन के साथ साथ सभी पैरामीटर में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। उन्होने कहा कि आज का यह शुभ दिन श्रमिकों के सेवाओं के सम्मान का दिन है। निःसंदेह कोयला खान का श्रमिक दिन-रात मेहनत करके राष्ट्र की ऊर्जा शक्ति बढ़ाने एवं राष्ट्र को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में अपना अमूल्य योगदान दे रहा है। उन्होंने अपने सम्बोधन में अपने कर्मियों के लिए किए गए कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। अंत में उन्होंने अपने प्रेरणास्पद शब्दों से उत्कृष्ठता पुरस्कार पाने वाले समस्त कर्मियों को बधाई दिया।
श्रमवीर पुरस्कृत हुए इस अवसर पर मुख्य अतिथि अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक डा. प्रेम सागर मिश्रा के मुख्य आतिथ्य, निदेशक (वित्त) जी. श्रीनिवासन, मुख्य सतर्कता अधिकारी जयंत कुमार खमारी, निदेशक तकनीकी (संचालन) एस.एन. कापरी, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एन. फ्रेंकलिन जयकुमार, निदेशक (कार्मिक) बिरंची दास, पूर्व निदेशक तकनीकी एन.के. सिंह, सी.एल. श्रीवास्तव, पूर्व निदेशक (कार्मिक) के.के. श्रीवास्तव, एसईसीएल संचालन समिति के सर्वश्री हऱिद्वार सिंह (एटक), बीएम मनोहर (सीटू), एके पाण्डेय (सीएमओएआई) के करकमलों से निम्न को पुरस्कृत किया गया:- ओव्हरआल परफारमेंन्स अण्डरग्राउण्ड माईन्स ग्रुप-ए- प्रथम-विजय वेस्ट यूजी, द्वितीय-खैरहा यूजी, तृतीय-रानीअटारी यूजी रहा। ग्रुप-बी-प्रथम-पाण्डवपारा यूजी, द्वितीय-झीरिया यूजी, तृतीय-शिवानी यूजी रहा। ग्रुप-सी में प्रथम-राजेन्द्रा यूजी, द्वितीय-नौरोजाबाद वेस्ट यूजी, तृतीय-बलरामपुर यूजी रहा। ओव्हरआल परफारमेन्स ओपनकास्ट माईन-ग्रुप-ए-प्रथम-बरौद ओसी, द्वितीय-छाल ओसी, तृतीय-दीपका ओसी रहा। ग्रुप बी-प्रथम-जामपाली ओसी, द्वितीय-अमलाई ओसी, तृतीय-बिजारी ओसी रहा। ग्रुप सी-प्रथम-अमगांव ओसी, द्वितीय-राजनगर ओसी, तृतीय-रामपुर बटुरा ओसी रहा। ओव्हरआल परफारमेन्स एरिया वाईस-ग्रुप-ए-प्रथम-रायगढ़ एरिया, द्वितीय-गेवरा एरिया, तृतीय-कुसमुण्डा एरिया रहा। ग्रुप-बी-प्रथम-सोहागपुर एरिया, द्वितीय-हसदेव एरिया, तृतीय-भटगांव एरिया रहा। ग्रुप-सी-प्रथम-बिश्रामपुर एरिया, द्वितीय-जोहिला एरिया, तृतीय-बैकुण्ठपुर एरिया रहा। बेस्ट एसडीएल आपरेटर-प्रथम-शनीराम नौरोजाबाद वेस्ट जोहिला, द्वितीय-प्रदुमन कुमार भटगांव यूजी भटगांव, तृतीय-महेश कुमार कटकोना बैकुण्ठपुर रहे। बेस्ट एलएचडी आपरेटर-प्रथम-बलजीत शिवानी यूजी भटगांव, द्वितीय-हेतराम बगदेवा यूजी कोरबा, तृतीय-स्वामीदीन राजेन्द्रा यूजी सोहागपुर रहे। बेस्ट ड्रिलर-प्रथम-शिवशंकर दामिनी यूजी सोहागपुर, द्वितीय-दिचंद बगदेवा यूजी कोरबा, तृतीय-भैया लाल पाली यूजी जोहिला रहे। बेस्ट यूडीएम आॅपरेटर-प्रथम-कौशल प्रसाद झिलमिली यूजी बैकुण्ठपुर, द्वितीय-कुलदीप बलरामपुर यूजी बिश्रामपुर, तृतीय-शमशेर सिंह राजनगर आरओ यूजी हसदेव रहे। बेस्ट अण्डरग्राऊंड वर्कर-प्रथम-रामलाल पटेल राजनगर आरओ यूजी हसदेव, द्वितीय-भगवानदीन जमुना 9/10 यूजी जमुना कोतमा, तृतीय-जगबन्धु बेहरा विजय वेस्ट यूजी चिरमिरी रहे। बेस्ट शावेल आपरेटर-प्रथम-मुन्ना राम साहू गेवरा ओसी गेवरा, द्वितीय-जसबीर सिंह दीपका ओसी दीपका, तृतीय-संजीत दत्ता चिरमिरी ओसी चिरमिरी रहे। बेस्ट डम्पर आपरेटर-प्रथम-सुनील यादव दीपका ओसी दीपका, द्वितीय-एस. दयाल बीपी गेवरा ओसी गेवरा, तृतीय-हेमंत तिवारी अमलाई ओसी सोहागपुर रहे। बेस्ट ड्रगलाईन आपरेटर-प्रथम-रामलाल पटेल चिरमिरी ओसी चिरमिरी रहे। बेस्ट ड्रिल आपरेटर-प्रथम-माखनलाल कुसमुण्डा ओसी कुसमुण्डा, द्वितीय-छोटे आमाडांड ओसी जमुना कोतमा, तृतीय-आरएस त्रिपाठी अमलाई ओसी सोहागपुर रहे। बेस्ट डोजर आपरेटर-प्रथम-मुख्तार हुसैन अमगांव ओसी बिश्रामपुर, द्वितीय-सोहिल खान कुसमुण्डा ओसी कुसमुण्डा, तृतीय-देवेन्द्र कुमार जामपाली ओसी रायगढ़ रहे। सीएसआर अवार्ड-प्रथम-गेवरा क्षेत्र, द्वितीय-बैकुण्ठपुर क्षेत्र, तृतीय-रायगढ़ क्षेत्र रहा। इण्डस्ट्रियल रिलेशन्स अवार्ड-प्रथम-औद्योगिक संबंध विभाग मुख्यालय बिलासपुर, द्वितीय-कुसमुण्डा क्षेत्र, तृतीय-गेवरा क्षेत्र रहा। क्वालिटी आफ लाईफ अवार्ड-प्रथम बैकुण्ठपुर क्षेत्र, द्वितीय-गेवरा क्षेत्र, तृतीय-चिरमिरी क्षेत्र रहा। इन्वायरमेंट मैनेजमेंट अवार्ड-प्रथम-गेवरा क्षेत्र, द्वितीय-बिश्रामपुर क्षेत्र, तृतीय-जोहिला क्षेत्र रहा। प्रोजेक्ट डेव्हलपमेंट माईलस्टोन एचीवमेन्ट अवार्ड-प्रथम-गेवरा क्षेत्र, द्वितीय-कुसमुण्डा, तृतीय-सोहागपुर क्षेत्र, चतुर्थ-रायगढ़ क्षेत्र, पंचम-बिश्रामपुर एवं दीपका क्षेत्र रहा। सेफ्टी एक्सीलेंस अवार्ड-प्रथम-सोहागपुर क्षेत्र, द्वितीय-जोहिला क्षेत्र, तृतीय-रायगढ़ क्षेत्र रहा। एचआरडी अवार्ड-प्रथम-हसदेव क्षेत्र, द्वितीय-कुसमुण्डा क्षेत्र, तृतीय-बैकुण्ठपुर क्षेत्र रहा। पब्लिक रिलेशन्स अवार्ड-प्रथम-रायगढ़ क्षेत्र, द्वितीय-दीपका क्षेत्र, तृतीय-कुसमुण्डा क्षेत्र रहा। राजभाषा अवार्ड-प्रथम-कोरबा क्षेत्र, द्वितीय-जोहिला क्षेत्र, तृतीय-रायगढ़ क्षेत्र रहा। समन्वय पुरस्कार-श्रद्धा महिला मण्डल बिलासपुर, महिला मंडल में प्रथम-सुहानी महिला समिति भटगांव, द्वितीय-अलंकृता महिला समिति जमुना कोतमा, तृतीय-सुरभि महिला समिति सोहागपुर रहा। इसके साथ ही तकनीकी/गैर-तकनीकी नवाचार के लिए भी 5 पुरस्कार दिए गए। इस अवसर पर निदेशक मण्डल द्वारा सर्वोत्कृष्ठ खनिक सम्मान से एसईसीएल के प्रथम पुरूष डा. प्रेम सागर मिश्रा को शाल, श्रीफल, पुष्प प्रदान कर सम्मानित किया गया।
विशिष्ट अतिथि पूर्व निदेशक तकनीकी एन.के. सिंह, सी.एल. श्रीवास्तव, पूर्व निदेशक (कार्मिक) के.के. श्रीवास्तव ने अपने सम्बोधन में इस कार्यक्रम में आमंत्रित किए जाने पर घन्यवाद देते हुए कहा कि अपने स्थापना काल से ही कीर्तिमानों के शिखर पर विराजमान एसईसीएल जैसे प्रतिष्ठापूर्ण संगठन से जुड़ना अपने आप में एक सम्मान व अभिमान का विषय है। उन्होंने एसईसीएल एवं इसमें कार्यरत कर्मियों को सपरिवार उत्तरोत्तर प्रगति की कामना की।
एसईसीएल संचालन समिति के हऱिद्वार सिंह (एटक), बीएम मनोहर (सीटू), एके पाण्डेय (सीएमओएआई) एवं सुरक्षा समिति के आनंद मिश्रा (एचएमएस), संजय सिंह (बीएमएस), कमलेश शर्मा (एसईकेएमसी) ने अपने उद्बोधन में श्रमिक दिवस के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए एसईसीएल प्रबंधन द्वारा श्रमिक कल्याण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
रवीन्द्र भवन के कार्यक्रम से पूर्व एसईसीएल मुख्यालय प्रांगण में आयोजित समारोह में निदेशक (कार्मिक) बिरंची दास ने शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित किए उपरांत अंबेडकर प्रतिमा व खनिक प्रतिमा पर पुष्पमाला अर्पित कर ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों एवं श्रमसंघ प्रतिनिधिगण उपस्थित रहे।
अपने सम्बोधन में खनिक दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज का दिन हमारे श्रमिक भाईयों की मेहनत और लगन के सम्मान का दिन है। उन्होने सभी से श्रमिक बंधुओं के प्रति व्यवहार में मानवीयता एवं सम्मान की भावना पर ज़ोर देने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में उद्घोषणा का दायित्व वरुण शर्मा, प्रबन्धक (कार्मिक) एवं सी. अनुराधा उप-प्रबन्धक (ईएंडएम) ने निभाया। कार्यक्रम के अंत में मंचस्थ अतिथियों के करकमलों से विभिन्न केटेगरी के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। अंत में उपस्थितों को धन्यवाद ज्ञापन उप महाप्रबंधक (कार्मिक/अधिकारी स्थापना) श्रीमती सुजाता रानी द्वारा दिया गया।