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छत्तीसगढ़ की औद्योगिक नीति देश में सर्वश्रेष्ठ : लखमा

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बिलासपुर। उद्योग मंत्री कवासी लखमा का कहना है कि सभी राज्यों की औद्योगिक नीति का अध्ययन कर और बस्तर से लेकर सरगुजा तक उद्योगपतियों से विचार विमर्श कर छत्तीसगढ़ के लिए सर्वश्रेष्ठ औद्योगिक नीति बनाई गई है। सरकार के दो साल चार माह के कार्यकाल के दौरान नई औद्योगिक नीति के तहत 1200 उद्योग लगाए गए हैं। इससे 22 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।
उद्योग एवं वाणिज्यक कर विभाग के बैनर तले गुस्र्वार को औद्योगिक नीति वर्ष 2019-24 के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कृषि महाविद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यशाला में मंत्री लखमा मुख्य अतिथि थे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की उद्योग नीति देश की पहली नीति है जिसमें हर प्रकार के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए योजना बनाई गई है।
उन्होंने बताया कि नई नीति के तहत प्रदेश में 115 उद्योगपतियों का एमओयू हुआ है। उद्योगों में सबसे पहले छत्तीसगढ़ के निवासियों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है। हर तहसील में फूड पार्क बनाया जाएगा। अभी तखतपुर, मस्तूरी और बिल्हा में फूड पार्क के लिए जगह का चयन कर लिया गया है।
उन्होंने कोटा तहसील में भी फूड पार्क के लिए जल्द से जल्द प्रक्रिया पूरी करने की बात कही। फूड पार्क अनुसूचित जाति, जनजाति वर्ग को एक रुपये में एक एकड़ जगह दी जाएगी। फूड पार्क से 500 लोगों को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि नरवा, गरवा, घुरुवा, बाड़ी योजना के तहत बनाए गए गोठान भी उद्योग का एक रूप है जहां आर्थिक गतिविधियां संचालित हो रही हैं और गोबर की खरीदी भी की जा रही है।
गोठान में उद्योगों की बेहतर संभावना
तखतपुर की विधायक व संसदीय सचिव रश्मि सिंह ने कहा कि गोठानों में भी उद्योग की संभावना है। यहां सब्जी उत्पादन कर उसकी प्रोसेसिंग से महिलाओं को लाभ मिलेगा। उन्होंने छोटे-छोटे उद्यमियों को बाजार उपलब्ध कराने की आवश्यकता बताई। श्ाहर विधायक शैलेष पांडेय ने कहा कि नई औद्योगिक नीति में बहुत संभावनाएं हैं।
छत्तीसगढ़ में विद्यमान वन एवं खनिज संपदा को देखते हुए उद्योग स्थापना की जानी चाहिए। विधायक डा. कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि उद्योग लगाने वाले उद्योगपतियों के लिए मार्केटिंग की व्यवस्था भी हो। जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान ने कहा कि गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के माध्यम से युवा उद्यमियों को सरकार आगे बढ़ाना चाहती है।
छत्तीसगढ़ लघु एवं सहायक उद्योग संघ के अध्यक्ष हरीश केडिया ने भावी उद्यमियों को मार्गदर्शन दिया और विभिन्न् सुझाव भी दिए। इस अवसर पर उद्योग विभाग के अपर संचालक प्रवीण शुक्ला, अपर संचालक अनिल श्रीवास्तव, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक जेएस नेताम, उद्योग विभाग के अधिकारी व जिला उद्योग संघ के पदाधिकारी उपस्थित थे।

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Business

एनटीपीसी कोरबा में बालिका सशक्तिकरण अभियान (GEM) 2024 के लिए बेसलाइन सर्वे एवं चिकित्सा परीक्षण

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कोरबा । एनटीपीसी कोरबा में बालिका सशक्तिकरण अभियान 2024 के लिए बेसलाइन सर्वे 3 मई 2024 को सफलतापूर्वक आयोजित किया गया।

समाज को सशक्त बनाने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में एनटीपीसी कोरबा के आस-पास के गांवों की स्कूली लड़कियों ने भाग लिया।



मेसर्स ई-सॉल्यूशंस (एनटीपीसी कोरबा में GEM कार्यक्रम के लिए नोडल एजेंसी) के संसाधन व्यक्तियों ने लड़कियों से बातचीत की और छात्रों की क्षमताओं का आकलन करने के लिए शैक्षणिक विषयों पर एक नमूना परीक्षण आयोजित किया गया।

जो एनटीपीसी कोरबा में मई के मध्य से आयोजित होने वाली आगामी चार-सप्ताह की आवासीय जीईएम कार्यशाला के लिए पाठ्यक्रम तैयार करने में मदद करेगा।



उसी दिन, एनटीपीसी कोरबा ने एनटीपीसी कोरबा अस्पताल में भाग लेने वाली लड़कियों के लिए चिकित्सा परीक्षण स्क्रीनिंग शिविर का भी सफलतापूर्वक समापन किया।

चिकित्सा परीक्षण में, स्क्रीनिंग शिविर को तीन दिनों में विभाजित किया गया था। पहले दिन यानी 1 मई 2024 को 44 लड़कियों की जांच की गई, दूसरे दिन यानी 2 मई 2024 को 36 लड़कियों की जांच की गई और तीसरे दिन यानी 3 मई 2024 को 54 लड़कियों की जांच की गई।



एनटीपीसी कोरबा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. विनोद कोल्हटकर के विशेषज्ञ मार्गदर्शन में डॉक्टरों की एक समर्पित टीम ने सभी प्रतिभागियों की गहन चिकित्सा जांच की।



शिविर की सफलता क्षेत्र की लड़कियों के समग्र विकास और कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए एनटीपीसी कोरबा की प्रतिबद्धता को उजागर करती है।

इसके अलावा, कार्यक्रम के दौरान कई अन्य गतिविधियाँ भी की गईं, जिनमें यूनिफॉर्म, ट्रैकसूट और जूते का माप लेना और जीईएम आईडी कार्ड के लिए छात्राओं की तस्वीरें लेना शामिल है।

बालिका सशक्तीकरण अभियान, एनटीपीसी की प्रमुख कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व पहल है जो विभिन्न हस्तक्षेपों के माध्यम से लड़कियों के सशक्तीकरण पर ध्यान केंद्रित करती है और इसका उद्देश्य उनके नेतृत्व गुणों की पहचान करना और उनका पोषण करना है ताकि वे भविष्य के लिए तैयार हो सकें।

कार्यशाला में स्वास्थ्य, स्वच्छता, सुरक्षा, फिटनेस, खेल और योग पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

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Korba

एनटीपीसी कोरबा ने महिला संविदा कर्मियों के लिए स्तन कैंसर शिविर का आयोजन किया।

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कोरबा । स्तन कैंसर भारत में महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है और कैंसर से होने वाली मौतों का सबसे बड़ा कारण है। हालांकि, अगर शुरुआती चरण में इसका पता लग जाए और इसका इलाज हो जाए तो यह भी ठीक हो जाता है। हालांकि शहरी आबादी में इसके होने की दर ज़्यादा है, लेकिन शिक्षा और जागरूकता की कमी के कारण ग्रामीण महिलाओं को इसका सबसे ज़्यादा खामियाज़ा भुगतना पड़ता है। अल्ट्रासोनोग्राफी शुरुआती पहचान के लिए एक बेहतरीन उपकरण है क्योंकि यह सस्ती, आसानी से उपलब्ध है और स्तन में छोटे घावों के प्रति संवेदनशील है और यह अच्छी सुविधा एनटीपीसी कोरबा अस्पताल में उपलब्ध है।

मैत्री महिला समिति, जैसा कि सभी जानते हैं, एनटीपीसी कोरबा के आस-पास के गांवों में महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाने और शिक्षित करने की दिशा में समय-समय पर प्रयास करती रही है। इस बार एमएमएस (मैत्री महिला समिति) और एनटीपीसी अस्पताल, कोरबा ने हमारे समाज की वंचित बहनों की सेवा में एक कदम आगे बढ़ाने के लिए हाथ मिलाया है। एनटीपीसी कोरबा अस्पताल परिसर में 3 मई 2024 को स्तन कैंसर जांच शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का उद्घाटन एमएमएस की अध्यक्ष श्रीमती राखी माहेश्वरी और बीयूएच एनटीपीसी कोरबा के सरित माहेश्वरी ने किया। इस अवसर पर एनटीपीसी कोरबा के सीएमओ डॉ. विनोद कोल्हटकर, एमएमएस के पदाधिकारी, विभागाध्यक्ष और यूनियन व एसोसिएशन के सदस्य भी मौजूद थे। शिविर कई चरणों में आयोजित किया जाएगा। पहले चरण का लक्ष्य बस्ती की संविदा महिला श्रमिकों और घरेलू सहायिकाओं को लाभ पहुंचाना था। डॉ. प्रतिभा अर्चना दास, वरिष्ठ परामर्शदाता (प्रसूति एवं स्त्री रोग) और डॉ. परिमिता हुरा, परामर्शदाता (रेडियोलॉजी) ने जांच की। डॉ. प्रतिभा दास ने जांच के पहले चरण के रूप में नैदानिक परीक्षण किया। अगले चरण के लिए उपयुक्त पाई गई महिलाओं की डॉ. परिमिता हुरा ने अल्ट्रासाउंड जांच की। शिविर के पहले दिन 52 मरीजों का पंजीकरण कर उनकी चिकित्सकीय जांच की गई। 37 की यूएसजी स्कैनिंग भी की गई। एमएमएस और एनटीपीसी अस्पताल की यह पहल समाज की वंचित महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के प्रति विश्वास बढ़ाने और उन्हें आश्वस्त करने में सहायक है।

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नई दिल्ली

खनन क्षेत्र ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया

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प्रमुख खनिजों और एल्युमीनियम धातु के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि


नई दिल्ली । मार्च 2024 महीने के लिए खनिज उत्पादन सूचकांक 156.1 था, जो मार्च 2023 महीने के स्तर की तुलना में 1.2 प्रतिशत अधिक है। पूरे वित्तीय वर्ष 2023-24 के सूचकांक में वित्तीय वर्ष 2022-23 की तुलना में 7.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। मार्च 2024 के दौरान कुछ गैर-ईंधन खनिजों कॉपर कंसंट्रेट, सोना, मैंगनीज अयस्क, हीरा, ग्रेफाइट, कायनाइट, सिलिमेनाइट, लाइमशेल, चूना पत्थर, मैग्नेसाइट आदि में पिछले वर्ष इसी महीने की तुलना में सकारात्मक वृद्धि देखने को मिली।

लौह अयस्क और चूना पत्थर मिलकर मूल्य के हिसाब से कुल एमसीडीआर खनिज उत्पादन का लगभग 80 प्रतिशत हिस्सा बनाते हैं। अस्‍थायी आंकड़ों के अनुसार देश में इन प्रमुख खनिजों के उत्पादन में वित्तीय वर्ष 2023-24 में उच्च वृद्धि देखी गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में 277 मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटी) लौह अयस्क के उत्पादन ने 7.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्राप्त 258 एमएमटी के उत्पादन रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। इसी तरह का रुझान दिखाते हुए, चूना पत्थर उत्पादन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्राप्त 406.5 एमएमटी के उत्पादन रिकॉर्ड को भी पार कर लिया है, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में 10.7 प्रतिशत बढ़कर 450 एमएमटी हो गया है।

अलौह धातु क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2023-24 में प्राइमरी एल्युमीनियम धातु के उत्पादन ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के उत्पादन रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। प्राइमरी एल्युमीनियम उत्पादन 2.1 प्रतिशत की वृद्धि दर से वित्तीय वर्ष 2022-23 में 40.73 लाख टन (एलटी) से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान 41.59 एलटी हो गया।

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा एल्युमीनियम उत्पादक, तीसरा सबसे बड़ा चूना उत्पादक और चौथा सबसे बड़ा लौह अयस्क उत्पादक है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में लौह अयस्क और चूना पत्थर के उत्पादन में स्वस्थ वृद्धि उपयोगकर्ता उद्योगों स्टील और सीमेंट में मजबूत मांग की स्थिति को दर्शाती है। एल्युमीनियम में उच्च वृद्धि के साथ, ये वृद्धि संबंधी रुझान ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, निर्माण, ऑटोमोटिव और मशीनरी जैसे उपयोगकर्ता क्षेत्रों में मजबूत आर्थिक गतिविधि की ओर संकेत करते हैं।

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