जेएईएस (JAES) पर आयकर विभाग सर्वे की कार्रवाई में कर चोरी का खुलासा

/ जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज प्रोजेक्ट्स (आई) प्रा. लि. में कर अनियमितताओं की पुष्टि, दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त

// निदेशकों की अन्य कंपनियों की गतिविधियों की विस्तृत जांच कर चोरी के संगठित नेटवर्क की पड़ताल करेगी

रायपुर ।  कर अनुपालन सुनिश्चित करने और कर चोरी करने वालों पर शिकंजा कसने के उद्देश्य से आयकर विभाग की असेसमेंट विंग ने जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज प्रोजेक्ट्स (आई) प्राइवेट लिमिटेड (जेएईएस) के ठिकानों पर सर्वे कार्रवाई की, जिसमें बड़े पैमाने पर कर अनियमितताओं का खुलासा हुआ। यह कार्रवाई बुधवार दोपहर 1:50 बजे आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 133ए(1) के तहत शुरू हुई, जिसका केंद्र राजधानी के पॉश इलाके अवंती विहार सेक्टर-2 स्थित ग्लोबल टावर की दूसरी मंजिल पर स्थित कंपनी का कार्यालय था।

यह अभियान मुख्य आयकर आयुक्त (सीसीआईटी) अपर्णा करन और प्रधान आयकर आयुक्त (पीसीआईटी) प्रदीप हेडाउ की निगरानी में संचालित हुआ। फील्ड ऑपरेशन का नेतृत्व संयुक्त आयकर आयुक्त बीरेंद्र कुमार और उप आयकर आयुक्त राहुल मिश्रा ने किया, जिन्होंने 20 कर जांचकर्ताओं और छह सशस्त्र पुलिसकर्मियों की 26 सदस्यीय टीम को जुटाकर बिना किसी बाधा के कार्रवाई सुनिश्चित की।

कार्रवाई के दौरान, टीम ने अकाउंट्स डिपार्टमेंट से तीन डेस्कटॉप, चार लैपटॉप और कंपनी से जुड़े प्रमुख व्यक्तियों के लगभग पांच मोबाइल फोन जब्त किए। रायपुर से आई दो सदस्यीय साइबर फॉरेंसिक विशेषज्ञों की टीम इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की क्लोनिंग कर रही है ताकि अहम डेटा को संरक्षित किया जा सके। इसके अलावा, कर अधिकारियों द्वारा ढीले कागजात और वित्तीय दस्तावेजों की बारीकी से जांच की गई।

सर्वे के दौरान कंपनी के तीन निदेशकों में से केवल दो—जोगेंद्र सिंह और धर्मेंद्र सिंह—मौजूद मिले, जिनके बयान दर्ज किए गए। तीसरे निदेशक अमरेंद्र सिंह कार्रवाई के समय अनुपस्थित बताए गए। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि कंपनी ने अपनी स्थापना लागत और खर्चों को अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया था, जो कर देनदारी से बचने के लिए फर्जी बिलिंग के तौर पर उपयोग किया जा रहा था। आश्चर्यजनक रूप से, कंपनी किराए की बिल्डिंग में संचालित होने के बावजूद असामान्य रूप से ऊंचे खर्च दर्शा रही थी।

आयकर विभाग की असेसमेंट विंग से जुड़े एक उच्च पदस्थ सूत्र ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “अब तक के साक्ष्य दर्शाते हैं कि आय को कम दिखाने और खर्चों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की सुनियोजित कोशिश की गई है। ऐसे कृत्य न केवल कर कानूनों का उल्लंघन हैं, बल्कि राष्ट्रीय राजस्व प्रणाली को भी कमजोर करते हैं।”

आगे की जांच में पता चला कि जोगेंद्र सिंह कई कंपनियों में निदेशक के रूप में जुड़े हैं, जिनमें माँ मदवारानी कोल बेनेफिशिएशन प्राइवेट लिमिटेड, फेसिक फोर्जिंग प्राइवेट लिमिटेड, अरंश प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, किंग रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड, प्रगति ट्रांसमूवर्स प्राइवेट लिमिटेड, जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज (आई) प्राइवेट लिमिटेड, जय अंबे रोडलाइंस प्राइवेट लिमिटेड, यूनाइटेड इमरजेंसी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और जय अंबे एक्जिजेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इसी तरह, धर्मेंद्र सिंह अचकन्न क्लोदिंग प्राइवेट लिमिटेड, जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज (आई) प्राइवेट लिमिटेड, जय अंबे रोडलाइंस प्राइवेट लिमिटेड, डिलिजेंस ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड, यूनाइटेड इमरजेंसी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, जय अंबे एक्जिजेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और डिलिजेंस हेल्पिंगहैंड फाउंडेशन से जुड़े हुए हैं।

विभाग ने संकेत दिया है कि इन सभी कंपनियों की गहन जांच की जाएगी ताकि विभिन्न इकाइयों के जरिए कर चोरी के किसी संभावित नेटवर्क का पता लगाया जा सके।

आयकर विभाग की असेसमेंट विंग से जुड़े उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा, “इस स्तर के सर्वे आने वाले महीनों में और तेज किए जाएंगे ताकि कड़े कर अनुपालन को सुनिश्चित किया जा सके और चालू वित्तीय वर्ष के राजस्व लक्ष्यों को पूरा किया जा सके।” विभाग अब फॉरेंसिक ऑडिट और मूल्यांकन विशेषज्ञों की मदद से वित्तीय अनियमितताओं को समाप्त करने और महत्वपूर्ण क्षेत्रों में राजस्व रिसाव पर नजर रखने की रणनीति अपना रहा है। इस घटनाक्रम के मद्देनजर, अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि विभाग कर अनुशासन लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और वित्तीय गड़बड़ियों को उजागर करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ेगा।

विभाग ने करदाताओं को सतर्क करते हुए कहा है कि वे कर नियमों का सख्ती से पालन करें और समय पर अपनी देनदारियां चुकाएं, अन्यथा सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।

Related Posts

कुख्यात गैंगस्टर अमन साव का अंत, पुलिस मुठभेड़ में ढेर

झारखंड के पलामू जिले में कुख्यात अपराधी अमन साव उर्फ अमन साहू पुलिस मुठभेड़ में मारा गया। //छत्तीसगढ़ और झारखंड में रंगदारी, सुपारी किलिंग और संगठित अपराध का खड़ा कर…

मुख्य सूचना आयुक्त के चयन की अंतिम परीक्षा 26 मार्च को, राज्य के मुख्य सचिव सहित 33 दिग्गज मैदान में

रायपुर । छत्तीसगढ़ में राज्य मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) के चयन के लिए अब अंतिम प्रक्रिया 26 मार्च को पूरी की जाएगी, जब 33 फाइनलिस्ट उम्मीदवारों का इंटरव्यू लिया जाएगा।…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *