India
Supreme Court CJI DY Chandrachud Bench to hear Marital rape case pleas today against laws granting immunity to husbands
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2 months agoon
Marital Rape Case: सुप्रीम कोर्ट इस जटिल कानूनी प्रश्न संबंधी याचिकाओं पर मंगलवार (24 सितंबर) को सुनवाई करेगा कि क्या अपनी बालिग पत्नी को यौन संबंध बनाने के लिए मजबूर करने वाले पति को बलात्कार के अपराध वाले मुकदमे से छूट मिलनी चाहिए. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने सोमवार को कहा कि ये याचिकाएं पहले ही ‘कल के लिए सूचीबद्ध’ हैं.
मामले में एक वादी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता करुणा नंदी ने मामले को शीघ्र सूचीबद्ध करने संबंधी अपील का उल्लेख किया. इससे पहले 18 सितंबर को एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने कहा था कि याचिकाओं पर तत्काल सुनवाई की आवश्यकता है.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच करेगी याचिकाओं पर सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट इस विवादास्पद कानूनी प्रश्न से संबंधित याचिकाओं को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर 16 जुलाई को सहमत हो गया था. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने संकेत दिया था कि इन याचिकाओं पर 18 जुलाई को सुनवाई हो सकती है.
भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की जगह अब भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) ने ले ली है. बीएनएस की धारा 63 (बलात्कार) के अपवाद-दो में कहा गया है, ”किसी पुरुष द्वारा अपनी पत्नी के साथ यौन संबंध या यौनाचार बलात्कार की श्रेणी में नहीं आता है, यदि पत्नी की उम्र 18 वर्ष से कम नहीं है.”
केंद्र सरकार को जारी किया गया था नोटिस
शीर्ष अदालत ने 16 जनवरी, 2023 को भारतीय दंड संहिता के संबंधित प्रावधान पर आपत्ति जताने वाली कई याचिकाओं पर केंद्र से जवाब मांगा था, जिसके तहत बालिग पत्नी से जबरन यौन संबंध बनाने के मामले में पति को अभियोजन से छूट प्राप्त है. सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को इस मुद्दे पर बीएनएस के प्रावधान को चुनौती देने वाली एक समान याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया था.
नये आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, एक जुलाई से प्रभावी हुए हैं, जिन्होंने पुराने आपराधिक कानूनों का स्थान लिया है. पीठ ने कहा था, ”हमें वैवाहिक बलात्कार से संबंधित मामलों को सुलझाना है.”
याचिका पर केंद्र ने दिया था ये जवाब
इससे पहले, केंद्र ने कहा था कि इस मुद्दे के कानूनी और सामाजिक निहितार्थ हैं और सरकार इन याचिकाओं पर अपना जवाब दाखिल करना चाहेगी. इनमें से एक याचिका इस मुद्दे पर 11 मई, 2022 को दिल्ली हाई कोर्ट के खंडित फैसले से संबंधित है. यह अपील एक महिला द्वारा दायर की गई है जो दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ताओं में से एक थी.
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मुंबई
अडानी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं।
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2 weeks agoon
November 21, 2024अडानी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति और विनिमय आयोग द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं और उनका खंडन किया जाता है।
जैसा कि अमेरिकी न्याय विभाग ने खुद कहा है, “अभियोग में लगाए गए आरोप आरोप हैं और जब तक दोषी साबित नहीं हो जाते, तब तक प्रतिवादियों को निर्दोष माना जाता है।” सभी संभव कानूनी उपाय किए जाएंगे।
अडानी समूह ने हमेशा अपने संचालन के सभी अधिकार क्षेत्रों में शासन, पारदर्शिता और विनियामक अनुपालन के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। हम अपने हितधारकों, भागीदारों और कर्मचारियों को आश्वस्त करते हैं कि हम एक कानून का पालन करने वाला संगठन हैं, जो सभी कानूनों का पूरी तरह से अनुपालन करता है।
Bilaspur
सतर्कता जागरूकता अभियान 2024 के अंतर्गत एसईसीएल में हितधारी सम्मेलन आयोजित
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1 month agoon
October 25, 2024सीवीओ हिमांशु जैन के दिशा-निर्देशन में हितधारकों के साथ गई बैठक
बिलासपुर । केंद्रीय सतर्कता आयोग के निर्देशानुसार एसईसीएल में 16 अगस्त से 15 नवंबर 2024 के बीच चलाए जा रहे तीन माह के सतर्कता जागरूकता अभियान के अंतर्गत आज दिनांक 25 अक्टूबर 2024 को एसईसीएल में हितधारी सम्मेलन (स्टेकहोल्डर्स मीट) का आयोजन किया गया। सीवीओ हिमांशु जैन के दिशा-निर्देशन आयोजित बैठक में एसईसीएल प्रबंधन से निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) एन फ्रैंकलिन जयकुमार, निदेशक (वित्त) डी सुनील कुमार, सेल्स, सीएमसी, सामग्री प्रबंधन, एवं वित्त सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।
सम्मेलन में एसईसीएल से सम्बद्ध विभिन्न कंपनियों के लगभग 50 अधिक वेंडर, सेवा प्रदाताओं ने भाग लिया एवं प्रबंधन के साथ विभिन विषयों पर सार्थक चर्चा में भाग लिया। इस दौरान हितधारकों ने अपनी विभिन्न शंकाओं एवं सुझावों को एसईसीएल प्रबंधन के समक्ष रखा जिसका प्रबंधन द्वारा समाधान किया गया। एसईसीएल प्रबंधन द्वारा बताया गया की कंपनी के विभिन्न विभागों में डिजिटल समाधानों एवं पोर्टलों के माध्यम से स्टेकहोल्डर्स के हितों का ध्यान रखते हुए कामकाजी प्रक्रियाओं को अधिक से अधिक पारदर्शी एवं सुलभ बनाने पर ज़ोर दिया जा रहा है।
Bilaspur
स्वच्छता ही सेवा अभियान अंतर्गत एसईसीएल ने अरपा नदी के छठ घाट पर चलाया गया सफाई अभियान
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2 months agoon
September 27, 2024बिलासपुर । भारत सरकार के निर्देशानुसार एसईसीएल में दिनांक 14 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चलाए जा रहे स्वच्छता ही सेवा अभियान अंतर्गत दिनांक 26 सितंबर 2024 को बिलासपुर शहर में अरपा नदी के तट पर स्थित छठ घाट पर श्रमदान सफाई अभियान चलाया गया। अभियान में 100 से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों एवं सफाई मित्रों द्वारा घाट की सफाई की गई एवं कचरे को उचित तरीके से डिस्पोज़ किया गया। इस श्रमदान सफाई अभियान का मुख्य उद्देश्य न केवल छठ घाट की सफाई करना था, बल्कि अरपा नदी जैसे महत्वपूर्ण जलस्रोतों को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाए रखना भी है।
अभियान से बिलासपुर शहर में जीवनदायिनी कहे जाने वाली अरपा नदी की प्राकृतिक सुंदरता और स्वच्छता को बनाए रखने में मदद मिली है, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ जल संसाधनों का संरक्षण सुनिश्चित किया जा सकेगा। एसईसीएल और सभी सहभागियों का यह सामूहिक प्रयास पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो हमें यह याद दिलाता है कि हमारी नदियों को साफ रखना हमारी जिम्मेदारी है।